भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपनी तीन देशों की यात्रा के पहले चरण में फिजी की राजधानी सुवा में हैं। फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली कटोनिवेरे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया। यह फिजी का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि यह सम्मान भारत और फिजी के बीच मित्रता के गहरे संबंधों का परिचायक है। इसका सचित्र विवरण भारत की राष्ट्रपति के सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर साझा किया गया है।
बता दें, द्रौपदी मुर्मु का सुवा पहुंचने पर फिजी के प्रधानमंत्री सीटिवेनी राबुका ने उनका औपचारिक स्वागत किया। राष्ट्रपति मुर्मु का स्टेट हाउस, सुवा में फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली कटोनिवेरे ने गर्मजोशी से स्वागत किया। इसके बाद दोनों नेताओं ने भारत-फिजी संबंधों को और गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। स्टेट हाउस में, द्रौपदी मुर्मु ने ‘राज्य प्रमुखों के आवासों का सौरीकरण’ (Solarization of Heads of State Residences) परियोजना की प्रगति भी देखी। यह एक भारतीय पहल है, जिसका उद्घाटन पिछले साल फरवरी में किया गया था।
फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया। यह फिजी का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार है। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि इस खूबसूरत देश के लोगों की गर्मजोशी और स्नेह से मैं बहुत प्रभावित हूं। हालांकि फिजी में यह मेरी पहली यात्रा है लेकिन हर जगह आपकी उपस्थिति से मुझे ऐसा लगता है कि मैं घर पर ही हूं। आज मेरी फिजी के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के साथ सकारात्मक चर्चा हुई। मुझे फिजी के साथी का सम्मान देने के लिए मैं फिजी सरकार का आभारी हूँ। यह सम्मान भारत और फिजी के बीच मजबूत और गहरे संबंधों का प्रतीक है।
राष्ट्रपति फिजी के बाद न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते जाएंगी। किसी भारतीय राष्ट्राध्यक्ष की फिजी और तिमोर-लेस्ते की पहली यात्रा है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
विदेश मंत्रालय के सचिव जयदीप मजूमदार ने पिछले दिनों नई दिल्ली में राष्ट्रपति की यात्रा का ब्यौरा साझा किया था। इसमें कहा गया था कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु पांच से 10 अगस्त तक तीन देशों फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की यात्रा पर रहेंगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत दक्षिण-पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र पर भारत ने विशेष रूप से ध्यान केन्द्रित किया है। यह तीनों देश भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत आते है। भारत और फिजी के बीच राजनयिक संबंधों के 75 वर्ष पूरे हो गए हैं। भारत, फिजी का प्रमुख विकास भागीदार रहा है।
उल्लेखनीय है इस यात्रा से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंधों को और भी मजबूत होंगे। उनका भारतीय समुदाय के लोगों के साथ बातचीत करने का भी कार्यक्रम है।
यात्रा के दूसरे चरण में राष्ट्रपति 8 और 9 अगस्त को न्यूजीलैंड जाएंगी। इस दौरान वे गवर्नर जनरल सिंडी किरो के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगी और प्रधानमंत्री क्रिस्टोफर लक्सन से मुलाकात करेंगी। राष्ट्रपति, वेलिंगटन में एक अंतरराष्ट्रीय शिक्षा सम्मेलन को भी संबोधित करेंगी और ऑकलैंड में भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित करेंगी। यात्रा के अंतिम चरण में राष्ट्रपति 10 अगस्त को तिमोर-लेस्ते जाएंगी।