हमारे देश के वैज्ञानिकों अपने क्षेत्र में कई कमाल किए हैं। ऐसे में उनकी सफलता और योगदान को सराहने के लिए केंद्र सरकार ने विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की घोषणा की है। खास बात ये है कि इसरो-चंद्रयान 3 टीम को अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उनके योगदान के लिए विज्ञान पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर मिलेगा पुरस्कार
दरअसल, सरकार ने भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में सर्वोच्च पुरस्कारों में से एक राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार की घोषणा की है। राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार का उद्देश्य विज्ञान, प्रौद्योगिकी और प्रौद्योगिकी-आधारित नवाचार के विभिन्न क्षेत्रों में व्यक्तिगत रूप से या टीमों में वैज्ञानिकों, टेक्नोलॉजिस्ट और इनवेटरों द्वारा किए गए उल्लेखनीय और प्रेरक योगदान को मान्यता देना है। सभी श्रेणियों के लिए पुरस्कार समारोह इस महीने की 23 तारीख को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के अवसर पर आयोजित किया जाएगा।
प्रोफेसर जी. पद्मनाभन को जैविक विज्ञान में विज्ञान रत्न पुरस्कार
भारतीय विज्ञान संस्थान के पूर्व निदेशक प्रोफेसर जी. पद्मनाभन को जैविक विज्ञान में विज्ञान रत्न पुरस्कार के लिए चुना गया है। विज्ञान रत्न पुरस्कार विज्ञान और प्रौद्योगिकी के किसी भी क्षेत्र में आजीवन उपलब्धियों और योगदान को मान्यता देता है।
इन श्रेणियों के लिए भी मिलेगा पुरस्कार
आनंदरामकृष्णन सी, उमेश वार्ष्णेय, भीम सिंह, आदिमूर्ति आदि, सैयद वजीह अहमद नकवी, संजय बिहारी और राहुल मुखर्जी विज्ञान श्री पुरस्कार के लिए चुने गए लोगों में शामिल हैं।
विज्ञान युवा पुरस्कार के लिए नामांकित पुरस्कार विजेताओं में डॉ. बप्पी पॉल, डॉ. अभिलाष, राधाकृष्णन महालक्ष्मी, पूरबी सैकिया, दिगेंद्रनाथ स्वैन, प्रभु राजगोपाल और प्रशांत कुमार शामिल हैं।