रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीते शंकर सिंह अब अपनी आगे की सियासी पारी जदयू के साथ मिलकर बढ़ा सकते हैं. सूत्रों के अनुसार शंकर सिंह ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन करने का फैसला किया है. जदयू के कुछ नेताओं के शंकर सिंह से संपर्क करने और उन्हें जदयू के साथ आने का न्योता देने की खबर पिछले कुछ दिनों से लगातार चर्चा में है. इस बीच रविवार को यह खबर सामने आई कि शंकर सिंह ने जदयू के साथ जाने और सीएम नीतीश को समर्थन देने का फैसला लिया है. इसे लेकर जल्द ही अधिकारिक रूप से शंकर सिंह और जदयू एक मंच पर दिख सकते हैं. माना जा रहा है कि शंकर सिंह के सीएम नीतीश के समर्थन में आने से जदयू एक साथ कई मोर्चों पर मजबूत होगी.
दरअसल, रुपौली से बीमा भारती जदयू प्रत्याशी के तौर पर पिछले कुछ चुनावों से लगातार सफल हो रही थी. वर्ष 2020 में भी रुपौली में बीमा ने जदयू के टिकट पर चुनाव जीता था. लेकिन, इसी वर्ष जब सीएम नीतीश ने महागठबंधन छोड़कर एनडीए में आने का फैसला लिया तो बीमा भारती ने विद्रोही तेवर दिखाए. बाद में वह जदयू छोड़कर राजद में चली गई. साथ ही विधानसभा सदस्यता भी छोड़ दी. वहीं लोकसभा चुनाव में राजद के टिकट पर पूर्णिया से और विधानसभा उपचुनाव में रुपौली में राजद उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ी. दोनों चुनावों में हार से बीमा के सियासी भविष्य के अंधकारमय होने के कयास लगाए जा रहे हैं. ऐसे में अब शंकर सिंह के जदयू के साथ आने से रुपौली में सीएम नीतीश की पार्टी पहली की तरह ही मजबूत होगी. साथ ही रुपौली सहित पूरे पूर्णिया के इलाके में शंकर सिंह के रूप में सीएम नीतीश को एक मजबूत साथी मिल सकता है.
विधानसभा में मजबूत होगी जदयू : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शंकर सिंह का साथ मिलने से जदयू काफी मजबूत हो जाएगी. मौजूदा समय में जदयू के कुल 47 विधायक हैं. शंकर सिंह अगर जदयू की सदस्यता लेते हैं तो इससे सीएम नीतीश के दल के विधायक की संख्या में इजाफा होगा. साथ ही अगले विधानसभा चुनाव के पहले शंकर सिंह के साथ जदयू पूरे सिमांचल के इलाके में जदयू को मजबूत करने की रणनीति पर काम कर सकती है.
बता दें कि रुपौली में सात जुलाई को उपचुनाव हुआ था जबकि 10 जुलाई को मतगणना हुई थी. इस सीट से शंकर सिंह ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव जीता था. वहीं जदयू दूसरे नंबर पर रही और राजद के कैंडिडेट को तीसरा स्थान मिला था. निर्दलीय विधायक रुपौली विधानसभा उपचुनाव में करीब 8246 वोट से जीत दर्ज की थी।