लम्बे अरसे के बाद नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पहुंचे अपने पैतृक गांव बहादुर नगर।

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लम्बे अरसे के बाद नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा पहुंचे अपने पैतृक गांव बहादुर नगर। हाथरस हादसे के 15 दिन बाद चिकित्सकों के परामर्श से भोले बाबा को आराम की जरूरत। वैसे तो नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा की जन्म भूमि और कर्मस्थली कासगंज जनपद की पटियाली तहसील रही है। बहादुरनगर में उनका आश्रम है। नारायण साकार हरि का सत्य का साथ दिनों दिन बढ़ता गया भीड़ को देखते हुए बाबा ने बहादुर नगर आना उचित नहीं समझा क्योंकि इनके अनुयायियों की संख्या दिन प्रति दिन बढ़ती गई और भोले बाबा जन्म भूमि से विमुक्त हो गए। लगभग 13 वर्ष पूर्व बाबा पटियाली के बहादुरनगर आश्रम पर प्रवास करते थे। उसके बाद अनुयायियों को जगह जगह मानवता भाईचारे का आत्मिक ज्ञान कराकर नारायण साकार हरि की भजन वंदना करते और कराते 14 वर्षो में 2023 में मात्र एक दिन के लिए भोले बाबा आश्रम आए थे। उसके बाद अब हाथरस के सिकंदराराऊ में सत्संग के दौरान भगदड़ मच जाने से हुए हादसे के 15 दिन बाद अपनी जन्म भूमि स्थित बहादुरनगर के आश्रम पर पहुंचे। बाबा के साथ उनके अधिवक्ता डॉ ए पी सिंह भी मौजूद रहे। बाबा के पहुंचने की सूचना अनुयायियों तक नहीं थी। उसके बावजूद भी सैकडों की संख्या में अनुयायी आश्रम पर पहुंच गए थे। उन्होंने बाबा में अपनी आस्था और विश्वास जताया और उनका आशीर्वाद लिया। बाबा के अधिवक्ता एपी सिंह ने बताया कि नारायण साकार हरि को चिकित्सको ने आराम करने की सलाह दी है। वह चिकित्सकों की राय पर स्वास्थ्य लाभ लेने के उद्देश्य से आए हुए हैं। वह यहां कब तक रोकेंगे इसके बारे में अभी कुछ नहीं बताया जा सकता। आश्रम पर न पहुंचे अनुयायी, पीडितो की करें मदद अधिवक्ता एपी सिंह ने बाबा की ओर अनुयायियों से अपील की है। वह आश्रम पर बाबा से मिलने न आए। सिकंदराराऊ में हुए हादसे में घायलों और मृतक आश्रितो की तनमन धन से मदद करें। बाबा ने जिला समितियों से अपील की है। जिलों के ऐसे लोगों जो हादसे में प्रभावित हुए हैं। उनकी हरसंभव मदद करें। उसी के साथ सभी का शोक व्यक्त कर गहरी संवेदना प्रकट की,नारायण साकार हरि की सम्पूर्ण ब्रह्मांड में सदा सदा के लिए जय जय कार हो मूल मंत्र सभी जाप करे विपत्तियों में यही मंत्र आपके मन को शान्ति देगा।

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