बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने लोकसभा और राज्यसभा में अपनी पार्टी के संसदीय दल के नेताओं को चुन लिया है. जेडीयू संसदीय दल ने अपने नेता के चुनाव का अधिकार नीतीश कुमार को सौंप दिया था. नीतीश कुमार ने आज संसद के दोनों सदनों में अपनी पार्टी के नेताओं के नाम का एलान किया.
ललन सिंह की जगह दिलेश्वर कामत
जेडीयू ने लोकसभा में दिलेश्वर कामत को अपने संसदीय दल का नेता चुना है. इससे पहले राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह जेडीयू संसदीय दल के नेता हुआ करते थे. लेकिन उनके मंत्री बनने के बाद सुपौल से सांसद दिलेश्वर कामत को नेता चुना गया है. अति पिछड़ी जाति से आने वाले दिलेश्वर कामत लगातार दूसरी बार सांसद चुने गये हैं. वे बिहार सरकार में मंत्री और नीतीश कुमार के करीबी विजेंद्र प्रसाद यादव के बेहद नजदीकी माने जाते हैं. विजेंद्र यादव ने ही उन्हें पहली दफे लोकसभा का टिकट दिलवाया था. इस दफे भी विजेंद्र यादव ने ही दिलेश्वर कामत के चुनाव अभियान की कमान थाम रखी थी.
राज्यसभा में संजय झा बने नेता
उधर जेडीयू ने राज्यसभा में संजय झा को अपने संसदीय दल का नेता बनाया है. संजय झा बिहार सरकार में मंत्री हुआ करते थे. इसी साल उन्हें जेडीयू की ओर से राज्यसभा भेजा गया है. वैसे तो संजय झा जेडीयू कोटे से केंद्र सरकार में मंत्री बनने के दावेदार थे लेकिन पार्टी को सिर्फ दो ही मंत्री पद मिला औऱ उसमें जातिगत समीकरण में संजय झा फिट नहीं बैठे. लिहाजा रामनाथ ठाकुर को अति पिछड़े कोटे से केंद्र में मंत्री बनाया गया. रामनाथ ठाकुर पहले राज्यसभा में जेडीयू संसदीय दल के नेता हुआ करते थे. उनके मंत्री
जातीय समीकरण पर नीतीश की नजर
जेडीयू के संसदीय दल के नेताओं के चुनाव से ये दिख रहा है कि नीतीश कुमार की नजर जातीय समीकरण पर है. लिहाजा उन्होंने लोकसभा में अति पिछड़े तबके से आऩे वाले दिलेश्वर कामत को नेता बनाया है. इससे पहले नीतीश कुमार ने कुशवाहा जाति से आने वाले श्रीभगवान सिंह कुशवाहा को विधान परिषद भेजने का एलान किया है.