लवगुरु प्रोफेसर मटुकनाथ.. बिना प्यार के जिन्दा नहीं रह सकते तो आखिर क्यों अकेले जीवन काटने को मजबूर ?

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भागलपुर:लवगुरु के नाम से जाना जाने वाला बिहार के प्रोफ़ेसर मटुकनाथ और जूली की प्रेम कहानी एक वक्त सुर्खियां बनी थी। आज भी जब भी प्यार का जिक्र होता है।उम्र और रिश्तों के बंधन से मुक्त होकर दोनों की प्यार की चर्चा जरूर होती है। यूं तो प्रेमिका जूली मटुकनाथ की उम्र से आधी थी। रिश्ते में उनकी शिष्या थी लेकिन दोनों के बीच प्यार इस कदर परवान चढ़ा कि परिवार समाज सब कुछ भूल कर दोनों एक दूसरे के हो गए थे।

सब की नाराजगी झेली लेकिन एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा लेकिन आज वही प्यार दोनों के बीच से काफी दूर जा चुका है । इस लव स्टोरी को इक्कीसवीं सदी की सबसे ‘बोल्ड’ लव-स्टोरी भी कहा जाता है एक समय था जब इस प्रेम कहानी की हर तरफ चर्चा जोरों पर थी और लोगों ने इस पर काफी मजे भी लिए थे क्योंकि, इस प्रेम कहानी में प्रेमी फ्रोफेसर था और प्रेमिका उसकी शिष्या। अभी प्रेमिका जूली मटुकनाथ से अलग हो गई हैं और यही वजह है कि मटुकनाथ आज अकेले अपनी जिंदगी गुजार रहे हैं।इसको लेकर प्रोफेसर मटुकनाथ ने कहा कि प्यार कोई बंधन नहीं कि किसी को बांधकर रखा जाए।

जूली और हम एक दूसरे से बेइंतहा प्यार करते थे एक दूसरे के बिना रहने का सोच भी नहीं सकते थे लेकिन अब वह प्यार नहीं रहा यही वजह है कि जूली वेस्टइंडीज में सेटल हो गई है। 2014 में ही वह मुझे छोड़ कर वेस्ट इंडीज चली गई कभी-कभी फोन पर बातचीत हो जाती है। जूली से प्यार होने के बाद मटुकनाथ के परिवार ने उन से नाता भी तोड़ लिया, उन्हे धक्के मारकर घर से निकाल दिया गया।

आज मटुकनाथ अकेले नवगछिया के कोरचक्का में अपने पैतृक आवास में अपनी जिंदगी काट रहे हैं और एक निजी स्कूल का संचालन कर रहे है। उनका साफ तौर पर कहना है कि मटुकनाथ बिना प्यार के जिन्दा नहीं रह सकता, जबतक ज़िंदगी है तबतक प्यार है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.