लालकृष्ण अडवाणी के 10 बड़े भाषण, जिन्होंने बदल दी राजनीति की धारा
लालकृष्ण अडवाणी के 10 बड़े भाषण, जिन्होंने बदल दी राजनीति की धारा।
भारतीय राजनीति को नई दिशा देने वाले बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व गृहमंत्री लालकृष्ण अडवाणी को केंद्र सरकार ने भारत रत्न देने का ऐलान किया है. लालकृष्ण आडवाणी ने ना सिर्फ भारतीय जनता पार्टी की नींव रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई बल्कि आजादी के बाद से ही देश की राजनीति में अपनी एक अगह पहचान भी बनाई. उन्होंने हिंदुत्व की राजनीति में अपने विचारों और भाषणों से देश की जनता को प्रभावित भी किया।
लालकृष्ण आडवाणी ने अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई महत्वपूर्ण और प्रभावशाली भाषण दिए हैं. उनमें से कुछ प्रमुख भाषणों का काफी असर भी देखने को मिला. इन्हीं प्रमुख भाषणों में से कुछ पर डालते हैं नजर।
3. बाबरी मस्जिद के विध्वंस का भाषण: आडवाणी ने 1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद राष्ट्र को संबोधित किया था, इस दौरान उन्होंने कहा था मस्जिद गिरना उनके जीवन का सबसे काला दिन था. आडवाणी ने बाबरी विध्वंस की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए नेता प्रतिपक्ष के पद से इस्तीफा देने की पेशकश भी की थी।
4. एकला चलो यात्रा का भाषण: उन्होंने 1991 में भारत के विभिन्न राज्यों में एकला चलो यात्रा के दौरान कई महत्वपूर्ण भाषण दिए थे।
5. सोमनाथ और जनमज़िद का भाषण: अडवाणी जी ने 1990 में सोमनाथ और जनमज़िद के भंग के विरोध में एक महत्वपूर्ण भाषण दिया था।
6. राष्ट्रीय सुरक्षा पर भाषण: उन्होंने कई बार भारतीय सुरक्षा के मुद्दों पर भाषण दिया है, जिसमें उन्होंने देश की सुरक्षा की महत्वता पर विचार किए हैं।
7. भारतीय राजनीति का भविष्य: इस भाषण में अडवाणी जी ने भारतीय राजनीति के भविष्य पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
8.अदालतों में न्याय और व्यवस्था का भाषण: उन्होंने अपने राजनीतिक करियर के दौरान कई बार अदालतों में न्याय और व्यवस्था के मुद्दों पर भाषण दिए हैं।
9.भारतीय संविधान का महत्व: इस भाषण में अडवाणी जी ने भारतीय संविधान के महत्व को बताया।
10.हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश: यह भाषण उनके अद्वितीय सामाजिक संदेश को साझा करता है, जिसमें वे हिंदू-मुस्लिम एकता की महत्वता पर चर्चा करते हैं।
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