पटना के गोलारोड इलाके में 16 जनवरी को एक अफसर की पिटाई बीच सड़क पर कर दी गयी थी। पिटाई करने का आरोप राजद सुप्रीमो लालू यादव के पोतो पर लगा है। घटना के बाद से तनुज और नयन दोनों फरार है। अब तक दोनों को पुलिस पकड़ नहीं पाई है। पटना पुलिस ने कोर्ट से अरेस्ट वारंट जारी करने की मांग की है।
दरअसल डोभी नगर पंचायत के कार्यकारी अधिकारी अरविंद कुमार सिंह की बेरहमी से पिटाई किये जाने के मामले में पटना पुलिस ने लालू के पोतों के खिलाफ अरेस्ट वारंट लेने कोर्ट पहुंची। पुलिस ने कोर्ट से इन अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए अरेस्ट वारंट जारी करने की मांग की है। बता दें कि अफसर की पिटाई के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के भतीजे नागेंद्र यादव के दोनों बेटे तनुज और नयन यादव फरार हो गये हैं। वही बुरी तरह घायल अफसर दिल्ली में जिन्दगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं। दिल्ली में उनकी हालत काफी खराब है।
अफसर की पिटाई मामले में आरजेडी लालू के पोते और तेजस्वी के भतीजे तनुज और नयन यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया। लेकिन अभी तक दोनों आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। पटना एसपी राजेश कुमार ने बताया कि दोनों फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट से अरेस्ट वारंट की मांग की गयी है।
मंगलवार की रात हुई घटना
ये वाकया मंगलवार की रात का है. अऱविंद कुमार सिंह पटना के गोला रोड से बोरिंग रोड स्थित अपने घर जा रहे थे. रात के लगभग साढ़े नौ बजे गोला रोड में ही नशे में धुत्त कुछ युवकों ने उनकी स्कोर्पियो गाड़ी को रोक लिया था. अऱविंद कुमार सिंह के भाई विजय सिंह भी उसी गाड़ी में सवार थे. विजय सिंह ने बताया कि गाड़ी रोकने वाले युवक नशे में धुत्त थे. अरविंद कुमार सिंह उनसे बात करने के लिए नीचे उतरे और फिर बदमाशों ने उन पर हमला कर दिया।
लालू यादव का पोता हूं
विजय सिंह ने बताया कि हमला करने वालों में से एक अपना नाम तनुज यादव बता रहा था. वह बार बार कह रहा था-मेरा नाम तनुज यादव है, मैं नागेंद्र यादव का बेटा हूं, लालू यादव मेरे बाबा हैं. जो उखाड़ना होगा उखाड़ लेना. तनुज यादव ने रॉड से उप नगर आयुक्त अरविंद कुमार पर हमला कर दिया. वह उनकी गाड़ी की चाबी छीनना चाह रहा था. तनुज यादव औऱ उसके साथियों ने पैसे लूटने की भी कोशिश की. इसी क्रम में अरविंद कुमार सिंह की बर्बर तरीके से पिटाई की गयी।
अरविंद कुमार सिंह को सड़क पर खून से लथपथ छोड़ कर तनुज यादव औऱ उसके साथी निकल गये. बाद में उन्हें इलाज के लिए पटना के राजा बाजार स्थित एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया था. वहां उनकी हालत ज्यादा गंभीर होने के कारण दिल्ली रेफर कर दिया गया. परिजन उन्हें दिल्ली ले गये जहां जिन्दगी और मौत से वे जुझ रहे हैं। घटना के 5 दिन हो गये है लेकिन अभी तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।