प्रशांत किशोर ने लालू यादव और नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए कहा कि यहां दो लोग शासन चलाते रहे हैं लालू और नीताश, इनकी राजनीति तो आप जानते ही हैं। इनका पूरा फोकस ये है कि समाज को बांटो, सबको गरीब, अनपढ़, मजदूर रखो। सबको समाजवाद-समतामूलक बात करके सामाजिक न्याय के नाम पर बेवकूफ बनाकर वोट लेते रहो।
कभी किसी ने लालू जी से ये सवाल नहीं पूछा कि जैसा आपका दावा है कि आपने राज्य में, अपने शासन काल में अपनी राजनीति से, सोच से गरीबों को वंचितों को, पिछड़ों को आवाज दी। लेकिन, लालू जी ने जिन वर्गों को आवाज दी उनको शिक्षा क्यों नहीं दी? उनको रोजगार क्यों नहीं दिया? उनको जमीन क्यों नहीं दी? वो इसलिए नहीं दिया क्योंकि आवाज देने से वो उनके लिए जिंदगी भर नारा लगाएगा और उनका झंडा लेकर घूमेगा। अगर, उन्हीं वर्गों को उन्होंने शिक्षित कर दिया होता, उन्हीं वर्गों को उन्होंने पूंजी-पैसा देकर रोजगार दे दिया होता, उन्हीं वर्गों को उन्होंने जमीन दे दी होती तो आज वे उनका झंडा लेकर नहीं घूमते।
ये राजनीति है यहां पर। जिसके तहत पूरे बिहार को अनपढ़-मजदूर बना दिया। ताकि आपको अगर 400 रुपए पेंशन भी मिल रहा है तो आपके नेता माई-बाप हैं। आज के जमाने में 400 रुपए पेंशन पाने वाले लोग भी इस बात पर वोट कर रहे हैं कि सरकार 400 रुपए दे रही है।