बिहार में पिछले एक सप्ताह के दौरान छह से ज्यादा पुल-पुलिया गिरे हैं. इतना ही नहीं पुलों के गिरने का अगर पिछले कुछ महीनों का रिकॉर्ड देखा जाएगा तो पिछले ढाई साल में दर्जनों ऐसे मामले सामने आए हैं. इसमें कहीं सैंकड़ों करोड़ रुपए की लागत से बन रहे निर्माणाधीन पुल ध्वस्त हो गए तो कहीं कुछ वर्ष पूर्व बने पुल भी धराशायी हो गए. इसमें कुछ पुल ऐसे रहे जिनका निर्माण केंद्र सरकार की ओर से एनएचएआई की देखरेख में हो रहा था. बिहार में पुलों के गिरने की खबरें लगातार राष्ट्रीय सुर्खियां बन रही हैं और अब पुलों के गिरने का मुद्दा संसद में भी उठने लगा है.
लोकसभा में मंगलवार को कांग्रेस की ओर से बिहार में गिरे पुलों का मुद्दा उठाया गया. देश के हाल के दिनों में कई ऐसे मामले आए हैं जिसमें ढांचागत विकास की परियोजनायें निर्माण के क्रम में ही ध्वस्त हो गई. वहीं कई शहरों में ऐसे मामले आए जिसमें आधारभूत परियोजनाओं में निर्माण गुणवत्ता सवालों के घेरे में है. इसमें बिहार में पुलों का गिरने का मुद्दा भी शामिल है. इसी को लेकर लोकसभा में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने अयोध्या से लेकर बिहार तक के मुद्दों पर मोदी सरकार को कठघरे में खड़ा किया.
लोकसभा में कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल ने कहा कि दिल्ली एयरपोर्ट की छत गिर गई, जबलपुर एयरपोर्ट की छत गिर गई, राजकोट एयरपोर्ट का छज्जा गिर गया, अयोध्या में सड़कों की हालत खराब है, राम मंदिर में रिसाव, मुंबई हार्बर लिंक रोड में दरारें, बिहार में तीन नए पुल गिर गए, प्रगति मैदान की सुरंग डूब गई, एनडीए के कार्यकाल के ये सभी निर्माण ढह गए हैं। उनके शासन में, हर इमारत गिरने के खतरे में है. उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री को चुनावी बांड के बारे में पूछताछ करने की चुनौती देता हूं. देश ने अब तक के सबसे बड़े घोटालों में से एक चुनावी बांड घोटाला देखा है।