केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने वायनाड भूस्खलन के लिए वहां अवैध खनन और अतिक्रमण काे संरक्षण देने वाली राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्हाेंने आज (सोमवार) कहा कि केरल की सरकार वायनाड में अवैध खनन और अवैध रूप से लोगों को बसाने के लिए पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन कर रही है, जिसका नतीजा सबके सामने है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को ईकोसेंसिटिव जोन के लिए योजना बनानी चाहिए। वहीं, केरल के वायनाड भूस्खलन त्रासदी के बाद खोज और बचाव अभियान लगातार सातवें दिन जारी है।
वायनाड ईकोसेंसिटिव जोन में आता है
आज मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री भूपेन्द्र यादव ने कहा कि वायनाड ईकोसेंसिटिव जोन में आता है। राज्य सरकार को ईकोसेंसिटिव जोन के लिए योजना बनानी चाहिए। राज्य सरकार को पूर्व वन महानिदेशक संजय कुमार की अध्यक्षता वाली समिति की रिपोर्ट भी सौंपनी चाहिए। अवैध आवास और खनन पर रोक लगानी चाहिए।
इस क्षेत्र में अतिक्रमण की दी अनुमति
उन्होंने कहा कि ईकोसेंसिटिव जोन में न ही खनन किया जा सकता है औऱ न ही लोगों के लिए मकान बनाए जा सकते हैं। इससे वहां नुकसान हुआ। हमने ईकोसेंसटिव जोन के लिए एक कमेटी बनाई है, लेकिन राज्य सरकार लंबे समय से कमेटी को नजरअंदाज कर रही है। केरल सरकार को ऐसा नहीं करना चाहिए। यहां तक कि पर्यटन के नाम पर भी वे उचित क्षेत्र नहीं बना रहे हैं। उन्होंने इस क्षेत्र में अतिक्रमण की अनुमति दी। यह अत्यधिक संवेदनशील क्षेत्र है।
उल्लेखनीय है कि केरल के वायनाड भूस्खलन त्रासदी के बाद खोज और बचाव अभियान लगातार सातवें दिन जारी है। भूस्खलन के बाद से मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। हादसे में मरने वालों की संख्या 387 हो गई है और 180 लोग अभी भी लापता हैं।