वायनाड के कई हिस्सों में भूस्खलन (Landslide) के मामले सामने आए हैं। अब तक 126 लोगों की जान जा चुकी है। सैकडों लोगों के अभी भी दबे होने की आशंका जताई गई है। सेना और एनडीआरएफ की टीम मौके पर बचाव कार्य चला रही हैं।
केरल के पहाड़ी जिले वायनाड में आसमान से आफत बरसी है। मंगलवार तड़के कई जगहों पर हुई भारी बारिश के बाद भूस्खलन (Landslide) की कई घटनाएं सामने आई हैं। भूस्खलन से वायनाड जिले में मरने वालों की संख्या 123 हो गई है। सैकड़ों लोगों के मलबे में अभी भी फंसे होने की आशंका है। स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। राहत और बचाव कार्य के अभियान में और तेजी लाई गई है।
राज्य में दो दिन का शोक
बारिश के चलते हुए भूस्खलन में इतनी संख्या में लोगों की जान जाने के बाद केरल के मुख्यमंत्री विजयन ने गहरा दुख जताया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस घटना से बहुत दुखी है, जिसमें कई लोगों की जान चली गई है। संपत्ति को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही सीएम ने मंगलवार से दो दिन (30 और 31 जुलाई) का शोक घोषित किया है। राज्य में सभी सार्वजनिक समारोह एवं उत्सव भी स्थगित कर दिए गए हैं।
वायनाड के पूर्व सांसद ने जताया दुख
लोकसभा में विपक्ष के नेता और वायनाड के पूर्व सांसद राहुल गांधी ने भूस्खलन से हुई मौतों पर दुख जताया है। राहुल गांधी ने कहा कि मंगलवार तड़के घरों में सो रहे लोगों को बचने का मौका भी नहीं मिल पाया। भूस्खलन ने तबाही के निशान छोड़े हैं। कई मकान जमींदोज हो गए हैं। नदियां उफान पर हैं और कई पेड़ उखड़ गए हैं।
आर्मी, नेवी और NDRF के जवान राहत बचाव कार्य में जुटे
जिले में भूस्खलन की कई घटनाएं सामने आने के बाद सेना, नौसेना और एनडीआरएफ के जवान बचाव कार्य में जुट गए। खराब मौसम के बीच हादसे से पीड़ित लोगों की तलाश की गई, जो कि देर रात तक चल रही है। पीड़ित लोगों को आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए कई एजेंसियां मिलकर काम कर रही हैं।
वायनाड के इन गांवों में भूस्खलन की घटनाएं
दिन के समय बचावकर्मियों को नदियों और कीचड़ से लोगों के शव बरामद हुए हैं। मृतकों में कई महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं और उनकी पहचान तथा पोस्टमार्टम के लिये के लिये शवों को विभिन्न अस्पतालों रखा गया है। अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन प्रभावित इलाकों में मुंडक्कई, चूरलमाला, अट्टमाला और नूलपुझा गांव शामिल हैं।