वाराणसी में जिस दिन पड़ेंगे वोट, उस दिन कन्याकुमारी में घंटों ध्यानमग्न रहेंगे पीएम मोदी

IMG 1143

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण में एक जून को वाराणसी में वोट डाले जाएंगे. उस दिन पीएम मोदी कन्याकुमारी में घंटों ध्यानमग्न होंगे. पीएम मोदी अपने चुनाव अभियान के समापन के बाद 30 मई से 1 जून तक तमिलनाडु का दौरा करेंगे.

लोकसभा चुनाव 2024 अंतिम दौर में है. अब महज एक और चरण बाकी है, जिसके तहत मतदान 1 जून को होगा. इस दिन जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट वाराणसी में वोट पड़ रहे होंगे. उस दिन पीएम मोदी कन्याकुमारी में घंटों ध्यानमग्न होंगे. पीएम मोदी अपने चुनाव अभियान के समापन के बाद 30 मई से 1 जून तक तमिलनाडु का दौरा करेंगे. बता दें कि पीएम मोदी ने लोकसभा चुनाव 2024 में प्रचंड जीत हासिल करने के लिए प्रचार के दौरान तबाड़तोड़ रैलियां की.

कन्याकुमारी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रॉक मेमोरियल का दौरा करेंगे. वह वहां उसी जगह पर दिन और रात ध्यान करेंगे, जहां स्वामी विवेकानंद ने ध्यान किया था. वह ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से 1 जून की शाम तक ध्यान करेंगे. प्रधानमंत्री मोदी के आधिकारिक कार्यक्रम के अनुसार 30 मई को सुबह 11 बजे पीएम मोदी होशियारपुर में चुनावी सभा को संबोधित करेंगे. इसके बाद वह कन्याकुमारी जाएंगे और वहीं रात में विश्राम करेंगे.

जब PM ने गुफा में की थी साधना

पीएम मोदी चुनाव प्रचार के आखिरी में आध्यात्मिक यात्राएं करने के लिए जाने जाते हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान लास्ट फेज की वोटिंग के समय पीएम केदारनाथ गए थे. तब उन्होंने रुद्र गुफा में ध्यान किया था. वहीं, 2014 में उन्होंने प्रतापगढ़ का दौरा किया था.

कन्याकुमारी के बारे में क्या है खास? 

तमिलनाडु का शहर कन्याकुमारी कई मायनों में खास है. यह भारत का सबसे दक्षिणी छोर है, यह वह जगह है, जहां भारत की पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं. यह हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के मिलने का सेंटर प्वाइंट भी है. कन्याकुमारी का स्वामी विवेकानंद के जीवन में विशेष स्थान है. उनको यहीं भारत माता के दर्शन हुए थे. यहां मौजूद रॉक मेमोरियल का उनके जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ा.

ऐसा माना जाता है कि जैसे सारनाथ गौतम बुद्ध के जीवन में विशेष स्थान रखता है, वैसे ही यह चट्टान स्वामी विवेकानंद के जीवन में भी वैसा ही स्थान रखती थी. देशभर में भ्रमण के बाद स्वामी विवेकानंद यहां पहुंचे और तीन दिनों तक तपस्या की और विकसित भारत का सपना देखा. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का उसी जगह पर ध्यान करना स्वामी विवेकानंद के विकसित भारत के विजन को जीवन में लाने की उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.