भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज (सोमवार) टोक्यो में अपनी ऑस्ट्रेलियाई समकक्ष पेनी वोंग से मुलाकात की। इस दौरान, दोनों नेताओं ने सुरक्षा, व्यापार एवं शिक्षा सहित द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और हिंद-प्रशांत में व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने के कदमों पर चर्चा की। एस जयशंकर क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए लाओस से दो दिवसीय यात्रा पर रविवार को जापान पहुंचे थे। आज दिन की शुरुआत उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री से मुलाकात के साथ की। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने टोक्यो में क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक में एक प्रारंभिक वक्तव्य प्रस्तुत किया। जहां उन्होंने स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए देशों के बीच विश्वसनीय साझेदारी की आवश्यकता को रेखांकित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि विश्व की भलाई के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता इसके क्षेत्र से परे तक फैली हुई है।
इससे पहले विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “टोक्यो में ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग से मुलाकात के साथ दिन की शानदार शुरुआत हुई। सुरक्षा, व्यापार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में हमारे द्विपक्षीय संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए आगे के कदमों पर बात की। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में हमारे व्यावहारिक सहयोग को गहरा करने पर भी चर्चा की।” बता दें, जयशंकर और वोंग क्वाड (Quad) देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए टोक्यो में हैं।
विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान एस जयशंकर ने प्रारंभिक वक्तव्य में कहा कि यहां टोक्यो में दोबारा मिलना बहुत अच्छा है। हमारी आखिरी क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक 10 महीने पहले न्यूयॉर्क में हुई थी। उस अवधि में, हम द्विपक्षीय रूप से या अन्य कार्यक्रमों के मौके पर एक-दूसरे से मिले हैं। हालाँकि, हमारे सिस्टम, हमारे शेरपाओं के नेतृत्व में, लगातार बातचीत कर रहे हैं। इसलिए आज बात करने, सहमत होने और आगे की योजना बनाने के लिए बहुत कुछ है।
एस जयशंकर ने कहा कि विश्व की भलाई के लिए क्वाड की प्रतिबद्धता इसके क्षेत्र से परे तक फैली हुई है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी राजनीतिक समझ मजबूत हो, हमारी आर्थिक साझेदारी बढ़े, हमारे प्रौद्योगिकी सहयोग का विस्तार हो और हमारे लोगों के बीच सहजता बढ़े। हमारी बैठक से एक स्पष्ट संदेश जाना चाहिए कि क्वाड यहां रहने के लिए है, यहां करने के लिए है और यहां बढ़ने के लिए है।
भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने नवंबर 2017 में ‘क्वाड’ की स्थापना की थी, ताकि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नयी रणनीति विकसित की जा सके।