विदेश मंत्री एस० जयशंकर ने कहा है कि दुनिया में किसी भी बड़े मुद्दे पर फैसला, भारत से परामर्श के बिना नहीं होता है। महाराष्ट्र के नागपुर में मंथन: टाउनहॉल बैठक में उन्होंने कहा कि भारत, बदल गया है और इसके बारे में दुनिया का नजरिया भी बदल गया है। श्री जयशंकर ने कहा कि भारत, विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और बहुत कम वर्षों में यह तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आज कई देश इसकी शक्ति और प्रभाव को देख रहे हैं।
यह पूछे जाने पर कि भारत, परस्पर विरोधी हितों वाले देशों के, क्वाड और ब्रिक्स जैसे समूहों का हिस्सा बनने का प्रबंधन कैसे करता है, विदेश मंत्री ने कहा कि ‘स्वतंत्र’ रहना भारत की प्रकृति में है और इसी वजह से भारत को अपने हितों को “किसी और की सहायक कंपनी या उद्यम” बनने की बजाय अलग-अलग लोगों के साथ प्रबंधन करना पड़ता है।
देश में आए बदलाव का उल्लेख करते हुए डॉ० जयशंकर ने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर आई है और देश में प्रतिभा के बढ़ने से अधिक निवेश आकर्षित हुआ है।
80 करोड़ लोगों को मुफ्त भोजन उपलब्ध कराने के सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने पूछा कि अगर गरीबों और जरूरतमंदों को मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं और भोजन मिलता है तो इसमें गलत क्या है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को विकास की यात्रा में शामिल किया जाना सुनिश्चित करना, देश की जिम्मेदारी है, क्योंकि सच्ची प्रगति को मापने के लिए यह आवश्यक है।