विपक्ष के व्यवहार पर भड़के शिवराज, कहा- ऐसा अमर्यादित प्रतिपक्ष कभी नहीं देखा

Shivraj Singh Chauhan

केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष के नेताओं द्वारा चेयर के अपमान की कड़ी निंदा की है। सदन में भड़कते हुए उन्होंने कहा कि यह सदन केवल ईंट और पत्थरों का भवन नहीं है, यह लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है।

शिवराज सिंह चौहान ने अपने अनुभव का जिक्र करते हुए कहा कि मैं 6 बार लोकसभा और 6 बार विधानसभा का सदस्य रहा हूं। 12 बार मैं या तो विधानसभा में या तो लोकसभा में आया हूं, लेकिन अपने जीवन में मैंने प्रतिपक्ष का ऐसा अमर्यादित, अशोभनीय व्यवहार कभी नहीं देखा।

उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष के व्यवहार से मन व्यथित है, वेदना से भरा हुआ है। ये केवल आसंदी का अपमान नहीं है, ये देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का अपमान है। ये लोकतंत्र का अपमान है, ये संविधान का अपमान है। आज ये सिद्ध हो गया है कि गैर जिम्मेदार प्रतिपक्ष देश को अराजकता में झोंकने का प्रयास कर रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि सदन में हम लोग सवाल का जवाब देने के लिए आते हैं। तो केवल प्रश्नकर्ता का जवाब नहीं देते हैं, हम वो जवाब जनता के लिए भी देते हैं। लेकिन, आज प्रश्नकाल में जो व्यवहार किया गया है, सचमुच में इसका कोई दूसरा उदाहरण नहीं मिलता। इसके लिए विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने सारे सदन को शर्मसार किया है, देश को शर्मसार किया है।

दरअसल प्रश्नकाल शुरू होने से पहले कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने सांसद घनश्याम तिवारी की टिप्पणी का मुद्दा उठाया था जो उन्होंने मल्लिकार्जुन खरगे पर किया था। घनश्याम तिवारी ने मल्लिकार्जुन खरगे पर वंशवादी राजनीति से आने का आरोप लगाया था।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.