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विशिष्ट सेवा के लिए 1037 जांबाजों को मिला गैलेंट्री अवॉर्ड, बिहार के इस अफसर को भी मिलेगा सम्मान

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स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर पुलिस, फायर ब्रिगेड, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा और सुधार सेवाओं के कुल 1037 कार्मियों को वीरता और सेवा पदक के लिए चुना गया है। गृह मंत्रालय ने बुधवार को स्वतंत्रता दिवस 2024 के अवसर पर विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक/उत्कृष्ट सेवा के लिए पदक प्राप्त करने वालों की सूची जारी की है। इन सभी को 15 अगस्त के मौके पर अवॉर्ड दिया जाएगा।

दरअसल, इस बार वीरता के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएमजी) मेडल 1 को तो वीरता के लिए पदक (जीएम) 213 कर्मियों को दिया जाएगा। इसमें पुलिस सेवा को 208, अग्निशमन सेवा को 4, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा को 1 मेडल दिया जाएगा। विशिष्ट सेवा के लिए 94 राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) में से 75 पुलिस सेवा को, 8 अग्निशमन सेवा को, 8 नागरिक सुरक्षा-गृह रक्षक सेवा को और 3 सुधार सेवा को प्रदान किए गए हैं। सराहनीय सेवा के लिए 729 पदक (एमएसएम) में से 624 पुलिस सेवा को, 47 अग्निशमन सेवा को, 47 नागरिक सुरक्षा और-गृह रक्षक सेवा को और 11 सुधार सेवा को प्रदान किए गए हैं।

इसमें बिहार पुलिस को 23 पदक मिले हैं। इनमें पांच पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री पदक दिया गया है। कहें तो बिहार पुलिस ने दिल्ली तक अपना दम दिखा दिया है।वहीं, अपर पुलिस महानिदेशक संजय सिंह और डीएसपी राजेश कुमार शर्मा को सराहनीय पुलिस सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक मिला है। इसके अलावा 16 अन्य पुलिसकर्मियों को सराहनीय सेवा के लिए पदक दिया गया है।

इन्हें मिला गैलेंट्री पदक : स्व. आशीष कुमार सिंह, दारोगा। दुर्गेश कुमार यादव, रोहित कुमार रंजन, अक्षय कुमार और बिजेंद्र कुमार (सभी सिपाही)।

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक : संजय सिंह, एडीजी, विधि-व्यवस्था। राजेश कुमार शर्मा, डीएसपी।

सराहनीय सेवा के लिए पदक : नीरज कुमार सिंह (एसपी), पंकज कुमार (एसपी), अरविंद कुमार सिन्हा (डीएसपी), आशीष कुमार सिंह  (डीएसपी), कुमार किरण पासवान (डीएसपी), विजय कुमार (इंस्पेक्टर), बिनायक राम (एएसआइ), प्रकाश कुमार शर्मा (हवलदार), मोरा मुंडा (सिपाही) संजय कुमार सिंह, (हवलदार), विजय कुमार यादव, (एएसआइ), कृष्ण मोहन गुप्ता (दारोगा), अंजनी कुमार (सिपाही), सविता देवी (सिपाही), गणेश बहादुर थापा (हवलदार), राजेश कुमार सिंह (हवलदार) ।

उधर , बिहार से इस बार अरविंद कुमार सिन्हा को पुरस्कार दिया जाएगा। यह 1990 बैच के सीधे नियुक्त पुलिस अवर निरीक्षक हैं।  जिन्हें हजारीबाग में ट्रेनिंग के बाद उग्रवाद प्रभावित गिरिडीह जिला में पदस्थापित किया गया।गिरिडीह जिला में थानाध्यक्ष के पद पर इनकी पहली पोस्टिंग उग्रवाद की जननी पीरटाॅड़ (चिरकी ,मधुवन)में हुई। ये यहीं से थानाध्यक्ष के रूप में अपनी सफर को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाते हुए गिरिडीह जिला के अन्य उग्रवाद प्रभावित थाना यथा निमियाघाट, बगोदर,गांडेय, मुफस्सिल, उग्रवाद प्रभावित पलामू जिला के हुसैनाबाद, गोड्डा जिला के सुन्दरपहाड़ी, गोड्डा टाउन आदि थाना में थानाध्यक्ष के रूप में रहते हुए कई दुर्दांत एवं खतरनाक उग्रवादियों को बहादुरी का परचम लहराते हुए गिरफ्तार कर सलाखों में डाले।
इसके बाद बर्ष 2004 में कैडर बंटबारा के तहत ये बिहार आए और उसके बाद पटना जिला के गोपालपुर, अगमकुआं,ट्राफिक आदि थाना में थानाध्यक्ष के पद पर कार्यरत रहते हुए बर्ष 2012 में इन्हे पुलिस इंस्पेक्टर के पद पर तथा बर्ष 2019 में डीएसपी के पद पर प्रोन्नत किया गया।पीछले 3-4 माह पूर्व इन्हे वरीय पुलिस उपाधीक्षक के पद पर प्रोन्नत किया गया है। वर्तमान में ये पीछले करीब एक-देढ़ बर्षो से शेखपुरा जिला में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद पर पदस्थाखपित हैं। अब  इन्हे इनकी सराहनीय सेवा के लिए देश के महामहिम राष्ट्रपति के द्वारा राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।

बता दें कि, गैलेंट्री अवॉर्ड्स साल में दो बार दिए जाते हैं। हर बार अलग-अलग कर्मियों को इस मेडल के लिए चुना जाता है। सबसे पहले 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस के मौके पर और दूसरी बार 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यह मेडल दिया जाता है।  इनमें से कुछ पुरस्कार केवल सैनिकों को दिए जाते हैं, जबकि कुछ पुरस्कार पुलिस, जेलकर्मी और आम नागरिकों को मिलते हैं।


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