गवान राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, जिसे इस अचल मूर्ति में स्पष्ट दर्शाया गया है।बता दें कि 51 इंच की इस मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है, जिसे भव्य काले पत्थर शालिग्राम से तैयार किया गया है।
इस दिन धर्म नगरी अयोध्या में स्वयं रामलला विराजमान होने जा रहे हैं. इसे लेकर शासन-प्रशासन लगातार तैयारियों में जुटा हुआ है. इसी बीच सोशल मीडिया पर प्रभु श्री राम की अचल मूर्ति की पहली झलक सामने आई है, जिसमें भगवान राम बाल अवस्था में नजर आ रहे हैं, जिसे हिंदू धर्म के कई महत्वपूर्ण धार्मिक प्रतीकों से सुसज्जित किया गया है. बता दें कि शालिग्राम पत्थर से निर्मित रामलला की अलौकिक मूर्ति पर भगवान विष्णु के सभी 10 अवतार उत्कीर्ण किए गए हैं।
मालूम हो कि, भगवान राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार हैं, जिसे इस अचल मूर्ति में स्पष्ट दर्शाया गया है. बता दें कि 51 इंच की इस मूर्ति में भगवान राम को पांच साल के बच्चे के रूप में दिखाया गया है, जिसे भव्य काले पत्थर शालिग्राम से तैयार किया गया है, इसे बनाने वाले मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकार अरुण योगीराज हैं।
1. भगवान विष्णु के सभी 10 अवतार
रामलला की मूर्ति के दोनों ओर भगवान विष्णु के अवतार उत्कीर्ण हैं. मूर्ति पर मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिम्हा, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि नामक दस अवतार उत्कीर्ण हैं।
2. मूर्ति पर अन्य देवताओं का चित्रण किया गया है
मूर्ति के दाहिने पैर के पास, भगवान हनुमान को उकेरा गया है और मूर्ति के बाएं पैर के पास, भगवान गरुड़ (भगवान विष्णु की सवारी) दिखाई देते हैं।
3. हिंदू धार्मिक प्रतीक
रामलला की मूर्ति के सिर के चारों ओर, स्वास्तिक और ओम प्रतीक जैसे हिंदू धार्मिक प्रतीकों को उकेरा गया है. मूर्ति में एक चक्र, एक गदा और एक शंख भी उत्कीर्ण दिखाई देता है।
गौरतलब है कि, मूर्ति की ‘प्राण प्रतिष्ठा’ 22 जनवरी को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में होने वाली है. इस कार्यक्रम में सैकड़ों संतों और अन्य शीर्ष गणमान्य व्यक्तियों के शामिल होने की उम्मीद है. बता दें कि प्रतिष्ठा समारोह से पहले व्यापक सुरक्षा व्यवस्था की गई है. पवित्र शहर को भगवान राम के कटआउट और पोस्टरों से सजाया गया है. शहर को पूरी तरह से धार्मिक रूप देने के लिए सड़कों पर धार्मिक नारे लिखे भगवा झंडे और पोस्टर भी लगाए गए हैं।