वीके सिंह, अश्विनी चौबे, हर्षवर्धन… क्या बीजेपी के ये टॉप नेता बनेंगे गर्वनर?

Ashwini Kumar Choubey

देश के चार राज्यों में गवर्नर का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. इन चारों राज्यों में अगला राज्यपाल कौन होगा इसे लेकर अटकलबाजियों का दौर शुरू हो गया है. उत्तर प्रदेश में आनंदी बेन पटेल, राजस्थान में कलराज मिश्र, गुजरात में आचार्य देवव्रत और केरल में आरिफ मोहम्मद खान का गवर्नर के रूप में कार्यकाल अगले दो से तीन महीने में समाप्त हो जाएगा. वहीं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने पहले ही इस्तीफा दे रखा है, जो अब तक मंजूर नहीं हुआ.

भाजपा ने अपने कई वरिष्ठ नेताओं को इस बार लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ाया था. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भगवा पार्टी अपने इन नेताओं को राज्यपाल बना सकती है. बिहार में अश्विनी चौबे, उत्तर प्रदेश में वीके सिंह, दिल्ली में डॉ. हर्षवर्धन और ऐसे अन्य कई वरिष्ठ नेताओं को बीजेपी ने टिकट नहीं दिया था. ये सभी नेता राज्यपाल बनने की दौड़ में शामिल हैं. बता दें कि जनरल वीके सिं​ह (रिटायर्ड), डॉ. हर्षवर्धन और अश्विनी चौबे पिछली लोकसभा में बतौर बीजेपी सांसद मौजूद थे. ये तीनों ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी शामिल रहे थे.

वीके सिंह गाजियाबाद, हर्षवर्धन चांदनी चौक और अश्विनी चौबे बक्सर से 2014 और 2019 में लगातार दो बार सांसद चुने गए थे. वीके सिंह ने मोदी सरकार में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, नागरिक उड्डयन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय में बतौर राज्य मंत्री अपनी सेवाएं दे चुके हैं. वहीं हर्षवर्धन केंद्र की मोदी सरकार में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री और पृथ्वी विज्ञान मंत्री रह चुके हैं. अश्विनी चौबे मोदी सरकार में कंज्यूमर अफेयर्स, खाद्य और सार्वजनिक वितरण और पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री का प्रभार संभाल चुके हैं.

सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का कार्यकाल बढ़ाने पर विचार कर रही है. केंद्र को लगता है कि केरल के राज्यपाल ने एलडीएफ सरकार के राजनीतिक रूप से पक्षपातपूर्ण कार्यों और फैसलों का दृढ़ता से सामना किया और लोगों के सामने उजागर करने में मदद की है. राज्यपाल के रूप में आरिफ मोहम्मद खान का कार्यकाल 6 सितंबर को समाप्त होने वाला है. तय मानदंडों के अनुसार, राष्ट्रपति केंद्र सरकार की सलाह से राज्यपालों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले उन्हें बदल सकते हैं. राज्यपाल अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति होने तक अपना कार्यकाल जारी रख सकते हैं.

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.