पटना हाई कोर्ट ने सीनियर आईपीएस अधिकारी अमित लोढ़ा की ओर से दायर अर्जी को खारिज कर दिया। उनके खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार की प्राथमिकी को निरस्त करने के अनुरोध को इनकार कर दिया। एसवीयू की ओर से अधिवक्ता राणा विक्रम सिंह ने कोर्ट में दलील पेश की।
न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की एकलपीठे ने जांच एजेंसी ‘एसवीयू’ को छह महीने के भीतर अनुसंधान को तार्किक अंत तक ले जाने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जांच निष्पक्ष होनी चाहिए। अनुसंधान में आवेदक की आवश्यकता पड़ने पर जांच एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए बाध्य होंगे। अमित लोढ़ा पर आरोप है कि उन्होंने फ्राइडे स्टोरी टेलर एलएलपी और अन्य के साथ मिलकर अवैध रूप से निजी व्यापार में शामिल होकर कमाई की।
उनपर आरोप है कि उन्होंने 7 करोड़ से अधिक की संपत्ति अर्जित की है, जबकि सभी कानूनी स्रोतों से उसकी कुल आय बिना किसी कटौती के 2 करोड़ से अधिक नहीं होनी चाहिए।