झारखंड कोयला खदान हमला मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के हत्थे चढ़ा हाउसिंग कॉलोनी निवासी शंकर यादव के खिलाफ अवैध हथियार रखने पर जिला दंडाधिकारी (डीएम) ने मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी है।
डीएम ने रांची स्थित एनआईए हेडक्वार्टर को अभियोजन स्वीकृति प्रदान करने का पत्र भेजा है। शंकर यादव के हाउसिंग कॉलोनी आवास पर बीते 8 फरवरी को इनकम टैक्स और एनआईए की संयुक्त टीम ने छापेमारी की थी और 1.31 करोड़ नकदी समेत भारी संख्या में हथियार बरामद किये थे। एनआईए की टीम ने पूछताछ के बाद शंकर यादव को गिरफ्तार किया था। तब से शंकर यादव रांची की जेल में बंद है। बता दें कि वर्ष 2020 में झारखंड के तेतरियाखाड़ कोयला खदान में टॉप गैंगस्टर अमन साव गिरोह द्वारा किए गए हमले के मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को जानकारी मिली थी कि अमन साव गिरोह द्वारा वसूली गई रंगदारी की रकम भागलपुर का शंकर यादव, मधेपुरा में प्रदीप यादव, पूर्णिया में कुछ अन्य खपाता है। मामले में बालूमठ थाना में दर्ज एफआईआर को लेकर 8 फरवरी को एक साथ सूबे के भागलपुर एवं पूर्णिया में दो-दो तथा मधेपुरा में एक ठिकाने पर एनआईए की टीम ने सघन जांच की थी। इस क्रम में भागलपुर के हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी स्थित प्रॉपर्टी डीलर शंकर यादव के घर और पास मौजूद उनके कार्यालय को अधिक समय तक खंगाला गया। शंकर यादव से लंबी पूछताछ के बाद देर शाम को एनआईए ने गिरफ्तार कर लिया और अपने साथ ले गई। इस दौरान शंकर यादव के घर से 1 करोड़ 32 लाख रुपये कैश के अलावा बड़ी संख्या में जेवरात, 5 मोबाइल फोन, 1 हार्ड डिस्क, 1 राइफल एवं इसकी एक मैगजीन, 7.65 एमएम की एक पिस्टल एवं इसके दो मैगजीन और 63 कारतूस बरामद किए गए थे।
एनआईए की दायर सभी चार्जशीट में मुख्य आरोपी
एनआईए ने तेतरियाखांड खदान मामले को झारखंड पुलिस से मार्च 2021 में अपने पास लेकर जांच शुरू की थी। एनआईए की तरफ से अब तक 3 चार्जशीट दायर की गई है, जिसमें 24 अभियुक्त बनाए गए थे। इसमें झारखंड का गैंगस्टर अमन साव, शंकर यादव, सुजीत सिन्हा समेत अन्य नामजद अभियुक्त बनाए गए हैं।
सीमेंट, ट्रैक्टर व प्रॉपर्टी बिजनेस में खपाए थे पैसे
एनआईए ने पता लगाया कि शंकर यादव सीमेंट की दुकान चलाता था। इसके बाद ठेकेदारी शुरू कर दी थी और एप्रोच रोड पर सोनालिका ट्रैक्टर का शोरूम खोल लिया था। देखते-देखते वह कुछ समय में वह इलाकों में जमीन की खरीद-फरोख्त करने लगा। जिसमें अमन साव गिरोह के पैसे लगाने की आशंका है।