शरद पवार व उद्धव ठाकरे जाति की राजनीति कर महाराष्ट्र में घोल रहे जहर : राज ठाकरे

Raj Thackeray

महाराष्ट्र में मराठा आंदोलनकारी बार-बार राज ठाकरे को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि राज ठाकरे ने इन सब के लिए पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे व राकांपा नेता शरद पवार को जिम्मेदार ठहराया है। राज का आरोप है कि मनोज जरांगे की आड़ में उद्धव और पवार अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने की कोशिश कर रहे हैं। अगले तीन महीनों में दोनों मराठवाड़ा में दंगा करा सकते हैं। शनिवार को ऐसा सनसनीखेज आरोप लगाते हुए उन्होंने शनिवार को सख्त चेतावनी देते हुए उद्धव और पवार से कहा कि यदि वे मुझसे बैर मोल लेंगे तो वे विधानसभा चुनाव में उनकी एक भी सभा नहीं होने दूंगा। राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि शरद पवार की राजनीति जातियों के बीच नफरत पैदा करने की है और इसकी शुरुआत एनसीपी की स्थापना से ही हो गई थी।

महाराष्ट्र में आरक्षण की जरूरत नहीं है, ऐसे बयान के कारण ‘महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना’ के अध्यक्ष राज ठाकरे, ओबीसी कोटे से मराठा समाज के लिए आरक्षण की मांग कर रहे आंदोलनकारियों के निशाने पर आ गए हैं। बीड में दौरे के दौरान मराठा प्रदर्शनकारियों और उद्धव ठाकरे के पदाधिकारियों ने राज ठाकरे की कार पर सुपारी फेंकी और नारे लगाए। इस सब पर राज ठाकरे ने शनिवार को छत्रपति संभाजीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और इसके लिए उद्धव ठाकरे और शरद पवार को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया।

मनसे प्रमुख राज ठाकरे कहा कि मेरी पूरी यात्रा के दौरान जरांगे पाटिल का मुझसे कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन महाराष्ट्र में जाति की राजनीति भड़काई जा रही है। पवार-उद्धव उनके पीछे राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि शरद पवार व उद्धव ठाकरे जाति की राजनीति कर महाराष्ट्र में जहर घोलने के कुछ लोग जानबूझकर ऐसा प्रचार कर रहे हैं कि मैं मराठा आरक्षण के खिलाफ हूं। आर्थिक आधार पर आरक्षण दिए जाने से संबंधित हमारी भूमिका 2006 से एक ही है। मेरा अब भी मानना है कि महाराष्ट्र को आरक्षण की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र में उद्योगों और नौकरियों पर नजर डालें, यदि नौकरी कोटा का सही उपयोग किया जाए, तो आरक्षण की आवश्यकता नहीं होगी।

मोदी ने आरक्षण क्यों नहीं मांगा?

राज ठाकरे ने सवाल उठाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब बारामती आए थे तो उन्होंने कहा था कि वह शरद पवार की उंगली पकड़कर राजनीति में आए हैं। मोदी पिछले 10 वर्षों से प्रधानमंत्री हैं। इसके बावजूद पवार ने उनसे मराठा समाज के लिए आरक्षण की मांग क्यों नहीं की? इसी तरह उद्धव 5 वर्षों तक मोदी के साथ सत्ता में रहे। उन्होंने मराठा आरक्षण की मांग क्यों नहीं की? उन्होंने कहा कि पवार और उद्धव जातियों में नफरत फैलाकर राजनीति करना चाहते हैं। मराठा व ओबीसी सहित अन्य समाज को उनके झांसे में नहीं आना चाहिए।

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