डबलिन। केवल 29 प्रतिशत वयस्क अपनी चिंताओं को साझा करते हैं। इनमें से 36 प्रतिशत अपनी चिंताओं के बारे में किसी और से बात करने के बाद बेहतर महसूस करते हैं। किसी से अपनी मन की भावनाएं साझा करने से 26 लोगों को राहत महसूस होती है।
चीन की साउथवेस्ट यूनिवर्सिटी में हुए एक शोध में इस बात का खुलासा हुआ है। अध्ययन में किशोरों से जुड़ा एक प्रश्न पूछा गया था कि क्या वे किसी निजी समस्या या नकारात्मक भावना के बारे में मिलकर चिंतन करने से ज्यादा खुश रहते हैं।
इससे पता चला कि अपने दोस्तों के साथ मिलकर गुस्से में बात करना वास्तव में आपको अधिक खुश कर सकता है। यदि किसी ऐसे व्यक्ति से ‘मन की बात ईमानदारी’ से की जाती है जो आपको सहयोग एवं प्रोत्साहन देता है, तो समस्या पर चिंतन करना अधिक प्रभावी होता है।
हालांकि, यदि आप ऐसे व्यक्ति के साथ अपनी चिंता साझा करते हैं जिसके साथ आपके संबंध खोखले हैं तो इससे ‘नकारात्मक भावना और अवसाद एवं घबराहट का खतरा और बढ़ता’ है।