पिछले दिनों हुई शिक्षक भर्ती और सिपाही भर्ती परीक्षा पेपर लीक कांड में परीक्षा एजेंसियां भी आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) के निशाने पर हैं। एक परीक्षा का आयोजन बिहार लोक सेवा आयोग, जबकि दूसरी केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) को सौंपा गया था, लेकिन दोनों परीक्षा आयेाग ने परीक्षा आयोजन के लिए प्रिंटिंग और लाजिस्टिक के लिए जिस कंपनी से करार किया।
उस कंपनी ने सीधे काम न करके इसकी जिम्मेदारी थर्ड पार्टी को सौंप दी। जानकारी सामने आने के बाद आर्थिक अपराध इकाई ने परीक्षा एजेंसियों से पूछा है कि उन्हें इस बात की जानकारी थी या नहीं?
सात आरोपितों से रिमांड पर लेकर हुई पूछताछ
शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में आर्थिक अपराध इकाई ने बेउर जेल में बंद सात अभियुक्तों को रिमांड पर लेकर पूछताछ की है। 48 घंटे की यह रिमांड अवधि रविवार को परी हुई, जिसके बाद आरोपियों को वापस जेल भेज दिया गया।
मामले में संजीव मुखिया का बेटा शामिल
इस मामले में संजीव मुखिया का बेटा और पेपर लीक का मास्टर माइंड शिव कुमार शामिल है। शिव के अलावा सुमित कुमार, अभिषेक केसरी, प्रदीप कुमार, संदीप पासवान, राहुल पासवान और रमेश कुमार से भी ईओयू ने पूछताछ की। पूछताछ होने से जांच एजेंसी के सामने इन लोगों ने कई अहम जानकारियां साझा की है।
सूत्र बताते हैं कि शिक्षक भर्ती परीक्षा पेपर लीक के इन अभियुक्तों से उनके सिपाही पेपर लीक से जुड़ाव को लेकर भी पूछताछ हुई। शिक्षक भर्ती पेपर लीक के आरोपी राहुल पासवान और संदीप पासवान सिपाही भर्ती परीक्षा के भी अभ्यर्थी थे।