बीपीएससी के तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड का खलनायक नालंदा जिले का एमबीबीएस शिव कुमार है। इसकी गिरफ्तारी पहले हो चुकी है। आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शुक्रवार को कांड का खुलासा करने से पहले 68 दिनों की सघन जांच और गिरफ्तार 279 अभियुक्तों से पूछताछ की।
डॉ. शिव प्रतियोगी परीक्षाओं में अपने पिता की राह पर आगे बढ़ते हुए सेटर के धंधे का मास्टरमाइंड बना। इसके पहले वह 2017 में नीट यूजी की परीक्षा के पेपर लीक कांड में भी शामिल था। डॉ शिव कुमार उर्फ बिट्टू के पिता संजीव कुमार उर्फ लूटन भी पेपर लीक के धंधे से जुड़ा है। इस साल नीट प्रश्न पत्र लीक मामले में नूरसराय के उद्यान महाविद्यालय में बतौर तकनीकी सहायक कार्यरत लूटन के दफ्तर में एसआईटी ने कुछ दिनों पहले छापेमारी की।
ईओयू ने बताया कि शिक्षक भर्ती पेपर लीक मामले में 16 मार्च को केस दर्ज किया गया था। इसकी जांच के लिए एडीजी नैयर हसनैन खान ने विशेष टीम का गठन किया था। डॉ शिव के अंतरराज्यीय गिरोह के तार यूपी, झारखंड समेत कई राज्यों से जुड़े हैं। यूपी पुलिस भर्ती पेपर लीक में भी उसकी संलिप्तता सामने आयी है।
नीट यूजी धांधली की जांच ईओयू ने संभाली
पटना। पटना के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर 5 मई को आयोजित नीट-यूजी में कथित धांधली से जुड़े मामले की जांच की जिम्मेदारी आर्थिक अपराध इकाई, बिहार (ईओयू) ने संभाल ली है। अबतक पटना पुलिस द्वारा शास्त्रत्त्ीनगर थाना में कांड संख्या-358/24 दर्ज कर कार्रवाई की जा रही थी।
डॉ. शिव समेत 5 उज्जैन से गिरफ्तार किए गए थे
ईओयू के अनुसार नगरनौसा के बलवा शाहपुर निवासी डॉ. शिव और उसके चार सहयोगियों को उज्जैन से गिरफ्तार किया गया था। इनसे पूछताछ के आधार पर कांड का उद्भेदन किया गया। अभी जांच चल रही है। पेपर लीक मामले में ईओयू ने 14 मार्च को पटना और 15 मार्च को हजारीबाग में छापेमारी की थी। इसमें अभियुक्तों एवं अभ्यर्थियों सहित 266 की गिरफ्तारी हुई थी।