शिक्षा का अधिकार कानून का पालन नहीं करते बिहार के अधिकांश निजी स्कूल, राज्यसभा में बीजेपी सांसद ने उठाया सवाल

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संसद के बजट सत्र के दौरान गुरुवार को राज्यसभा में बिहार के सांसदों ने शिक्षा, क्रेडिट कार्ड, एकलव्य स्कूल आदि को लेकर शून्यकाल में कई सवाल किये. खासकर निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा के अधिकार का पालन नहीं किए जाने का मुद्दा सदन में काफी चर्चा में रहा. भाजपा के भीम सिंह ने कहा कि बिहार में निजी स्कूलों द्वारा शिक्षा के अधिकार का पालन नहीं किया जा रहा है। इसमें प्रावधान है कि निजी स्कूल गरीब बच्चों को 25 प्रतिशत सीटों पर दाखिला देंगे, लेकिन विशेष रूप से मिशनरी स्कूल इन नियमों का पालन नहीं कर रहा है।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के शंभू शरण पटेल ने बैंकों के क्रेडिट कार्ड को बंद करने की सेवाओं को सुगम बनाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि क्रेडिट कार्ड लेना तो आसान है लेकिन उसे बंद कराना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि इन कार्डों को बंद करने के लिए बैंकों में एक विशेष डेस्क बनाये जाने की जरूरत है।

वहीं राष्ट्रीय जनता दल के प्रो मनोज झा ने कहा कि बिहार के एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय आदिवासी बच्चों को समान सुविधाएं देने के लिए शुरू किये गये थे। इन विद्यालयों में ढांचागत सुविधा और शिक्षकों की कमी है। इससे इन्हें शुरू करने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है।

केन्द्रीय वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में बंदरों को लेकर दिल्ली सरकार ने केन्द्र के सुझाव पर ध्यान नहीं दिया है। यादव ने सदन में प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वन अधिनियम के तहत बंदरों की प्रजातियों का वर्गीकरण किया गया है, जिनमें से कुछ प्रजातियां वन अधिनियम की श्रेणी से बाहर है और राजधानी में भी इसी श्रेणी के बंदर है जो न तो घरेलू है और न ही वन में रहने वाले।

 

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