शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के वेतन भुगतान में देरी पर की कार्रवाई : सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीपीओ के वेतन पर रोक

Salary 500 Note

शिक्षा विभाग ने राज्य के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों (डीईओ) और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ स्थापना) के अप्रैल के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है। बिहार लोक सेवा आयोग से नियुक्त शिक्षकों और पूर्व से नियोजित शिक्षकों के समय पर वेतन भुगतान नहीं होने के कारण यह कार्रवाई विभाग ने की है।

विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के स्तर से वेतन भुगतान की हुई समीक्षा में अफसरों की घोर लापरवाही सामने आयी है। इसके बाद पाठक के निर्देश पर विभाग के निदेशक (प्रशासन) सुबोध कुमार चौधरी ने सभी डीईओ और डीपीओ स्थापना को मंगलवार को इस संबंध में पत्र भेजा है। विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि अपर मुख्य सचिव के स्तर पर बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से पहले और दूसरे चरण में नियुक्त शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रगति की समीक्षा की गयी। समीक्षा में यह पाया गया कि सभी जिलों के शिक्षकों के वेतन भुगतान की प्रक्रिया डीईओ-डीपीओ के स्तर से लंबित है। जबकि, आयोग द्वारा नियुक्त शिक्षकों को अविलंब वेतन भुगतान का आदेश अपर मुख्य सचिव के द्वारा दिया गया है।

साथ ही सभी नियोजित शिक्षकों के मार्च माह का वेतन भुगतान भी अभी तक नहीं किया गया है। इस विषय पर भी अपर मुख्य सचिव का कई बार आदेश जारी हुआ है। इसके बावजूद आयोग के द्वारा नियुक्त शिक्षकों तथा नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो पाया है। आप सभी के द्वारा ऐसा करना विभागीय कार्य को प्रभावित करने, कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं वरीय पदाधिकारियों के आदेश की अवहेलना स्पष्ट रूप से झलकता है।

● अपर मुख्य सचिव केके पाठक के निर्देश पर अप्रैल के वेतन पर रोक का निर्देश

दो चरणों में हुई है बहाली

बिहार लोक सेवा आयोग के माध्यम से दो चरणों में अब-तक बहाली हुई है। पहले चरण में एक लाख से अधिक शिक्षकों की नियुक्ति की गयी थी। वहीं, दूसरे चरण में करीब 75 लाख शिक्षक नियुक्त हुए हैं। इनके नियमित वेतन भुगतान को लेकर विभागी की ओर से समीक्षा होती रहती है। विभाग का जिलों को स्पष्ट निर्देश है कि शिक्षकों को वेतन नियत समय पर भुगतान सुनिश्चत करें।

● विभाग ने इसे घोर लापरवाही और वरीय पदाधिकारियों के आदेश की अवहेलना बताया

 

तीन लाख से अधिक हैं नियोजित शिक्षक

राज्य में तीन लाख से अधिक नियोजित शिक्षक हैं। विभाग ने अपने पत्र में कहा है कि इन सभी नियोजित शिक्षकों का मार्च के वेतन का भुगतान नहीं हो सका है। वहीं, बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा पौने दौ लाख शिक्षक नियुक्त हैं। इनके वेतन भुगतान में भी जिलों की उदासीनता सामने आयी है। विभाग ने साफ किया है कि इन शिक्षकों का वेतन भुगतान जिलों के स्तर पर हुई लापरवाही के कारण लंबित है। जिलों को यह भी निर्देश है लंबित वेतन का भुगातन शीघ्र कराएं।

 

24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण मांगा

डीईओ और डीपीओ को यह भी निर्देश दिया गया है कि 24 घंटे के अंदर उक्त आरोप के संबंध में अपना स्पष्टीकरण विभाग को समर्पित करें। स्पष्टीकरण में इन्हें कहा गया है कि बतायें कि क्यों नहीं आप सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की जाये? निदेशक प्रशासन ने पत्र में कहा है कि आपके स्पष्टीकरण प्राप्त होने के बाद विभाग उस पर आगे का निर्णय लेगा। तब तक आप सभी का अप्रैल का वेतन स्थगित रहेगा।

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