आज विश्व सिंह दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य जंगल के राजा के संरक्षण के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। विश्व स्तर पर शेरों की कम हो रही संख्या को देखते हुए इनके संरक्षण के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। भारत में सांस्कृतिक और पर्यावरणीय दृष्टि से भी शेरों के संरक्षण का महत्व और बढ़ जाता है। हमारा देश एशियाई शेरों के लिए संरक्षित स्थल है। एशियाई शेर केवल गुजरात के गिर जंगलों में मिलते हैं।
पर्यावरण मंत्रालय ने एक वक्तव्य में कहा कि इस क्षेत्र में संरक्षण प्रयासों से शेरों की संख्या 2015 के 523 से बढ़कर 2020 में 674 हो गई है। 15 अगस्त 2020 को घोषित प्रोजेक्ट लॉयन एशियाई शेरों के भविष्य के लिये महत्वपूर्ण पहल है। इस परियोजना के तहत शेरों के पर्यावास में सुधार लाना, उन्नत प्रौद्योगिकी से निगरानी और मनुष्य -वन्य जीव संघर्ष को कम करने के प्रयास शामिल हैं।