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संजय झा बने जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष, दिल्ली में JDU राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हुआ फैसला

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बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश कुमार ने राज्यसभा सांसद संजय झा को जेडीयू का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है.  नीतीश सरकार में मंत्री रहे संजय झा पहली बार राज्यसभा के सांसद बने हैं और इसी हफ्ते उन्हें राज्यसभा में जदयू संसदीय दल का नेता बनाया गया है. नीतीश ने शनिवार को दिल्ली में जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक बुलाई है.

इस बैठक में संजय झा को पार्टी में नंबर दो की जिम्मेदारी दी गई है.  नीतीश समेत जेडीयू के तमाम वरिष्ठ नेता शुक्रवार को ही दिल्ली पहुंच गए थे. शनिवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कार्यकारिणी के सदस्यों ने हिस्सा लिया. बैठक में अपने संबोधन के दौरान नीतीश कुमार ने संजय झा को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा,जिसे सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से पास कर दिया. इस तरह से संजय झा अब जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए।

जदयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शनिवार को दिल्ली में शुरू हुई. बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार का पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने माला पहनाकर स्वागत किया. सीएम नीतीश के साथ ही केंद्रीय मंत्री और पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह भी मौजूद रहे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन संबंधी और राजनैतिक प्रस्ताव पेश किए गए। जिसमें कहा गया कि पार्टी झारखंड विधानसभा का चुनाव लड़े. साथ ही बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में जीतने का संकल्प लिया गया. बिहार को विशेष राज्य का दर्जा या विशेष पैकेज देने की भी मांग उठाई गई.

जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में संगठन संबंधी प्रस्ताव पेश किए गए। जिसमें कहा गया कि जनता दल यूनाइटेड के कार्यकर्ता अनुशासित सिपाही की तरह काम करते हैं. लोकसभा चुनाव में बिहार में संगठन के सभी स्तरों पर पार्टी पदाधिकारियों के साथ तालमेल और कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर संवाद ने सफलता का मार्ग प्रशस्त किया. इस रणनीति का प्रयोग हमें 2025 के विधानसभा चुनाव में भी करना है . 2025 में जिन राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो, वहां हमारे उम्मीदवार चुनाव लड़ें. प्रत्येक बूथ के लिए 5 से 10 कार्यकर्ताओं के नाम पहले से तय कर लिए जाने चाहिए .राज्य पदाधिकारी और जिला पार्टी के पदाधिकारी जब भी दौरे पर जाएं, बूथ प्रभारी के संपर्क में रहे .पार्टी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बूथ प्रभारी को जरूर आमंत्रित करें. पार्टी पदाधिकारी या मंत्री किसी भी क्षेत्र में जाएं तो वहां के बूथ प्रभारी को सूचना होनी चाहिए. ऐसे में उनका मनोबल और उत्साह बढ़ेगा. प्रखंड, अनुमंडल और जिला स्तर पर बूथ प्रभारियों की बैठक आयोजित की जाए. बूथ प्रभारी चुनावी मोर्चा के अग्रिम दस्ते के सिपाही हैं. पार्टी की जीत सुनिश्चित करने में उनकी बड़ी भूमिका होगी.

झारखंड में भी 2024 में ही चुनाव होना है. वहां पहले भी जदयू प्रत्याशी चुनाव लड़े हैं और जीते भी हैं. झारखंड पर विशेष ध्यान देते हुए हमें पहले वहां की उन सीटों को चिन्हित करने का काम कर लेना चाहिए, जहां से हमारे प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने की संभावना सबसे ज्यादा है. इसके बाद चुनाव के लिए आगे की रणनीति बनाकर गंभीरता से जुटना चाहिए . बिहार में एनडीए सरकार चलाने के साथ ही लोकसभा चुनाव के बाद तीसरी दफे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार गठन में हमारी महत्वपूर्ण भूमिका है. जेडीयू 16 सीटों पर चुनाव लड़ी और 12 सीटों पर जीत दर्ज की. केंद्र सरकार के गठन में हमारी उल्लेखनीय भूमिका है.

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