सत्ता के नशे में मां, माटी और मानुष को भूल गई हैं ममता बनर्जी : गिरिराज सिंह
पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या के बाद से देशभर में आक्रोश का माहौल है। देशभर में जूनियर डॉक्टर, मेडिकल छात्रा और चिकित्सक तक सड़क पर उतरकर रोष व्यक्त कर रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह ने बंगाल की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है।
शुक्रवार को आईएएनएस से खास बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कोलकाता रेप और मर्डर केस में कहा कि ममता बनर्जी सत्ता की मद में भूल गई हैं कि मां, माटी और मानुष,आज उनके और उनकी पार्टी की शह पर फलने-फूलने वाली गुंडों की पार्टी है, जिसने वहां की बेटी के साथ दरिंदगी की। जिसने दिल्ली के निर्भया कांड की याद दिला दी और आज ममता बनर्जी चोरी और सीनाजोरी कर रही हैं, भगवान राम को गाली दे रही हैं। रात में डॉक्टर को पीटने के लिए गुंडे को किसने भेजे? बंगाल में बिना ममता बनर्जी और अभिषेक बनर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है, उनके आदेश के बगैर वहां लोग सांस भी नहीं लेते हैं। हालत यह है कि वो गुंडे हजारों की संख्या बिना पुलिस की जानकारी के पहुंच गए, किसको बुड़बक (मूर्ख) बनाना चाहती हैं। शांति मार्च निकालती हैं, घड़ियाली आंसू बहाती हैं, मैं कहता हूं कि वो गुंडे को पकड़ना चाहती तो 12 घंटा कौन कहता है, 1 घंटे में पकड़ लेती। लेकिन, इन्होंने तो साक्ष्य को मिटाने के लिए गुंडों को भेजा, तोड़फोड़ करवा रही हैं, अब शांति मार्च निकाल रही हैं।
उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ का स्लोगन दिया था। आज तीन हफ्ते राहुल गांधी को बयान देने में नहीं लगते और वो भी बयान क्या दिया? वहां के कर्मी दोषी हैं, डूब के मर जाएं, हाथरस पहुंच जाते हैं। लेकिन, बंगाल पर जुबान नहीं खुलता है, मुंह में बर्फ जम जाता है, क्योंकि ममता बनर्जी के खिलाफ बोल नहीं सकते हैं। वो (राहुल गांधी) प्रधानमंत्री बनने के ख्वाब में सच बोल नहीं सकते हैं, न्याय के खिलाफ आवाज नहीं उठा सकते। यही है राहुल गांधी का सच।
पीएम नरेंद्र मोदी के ‘सेकुलर सिविल कोड’ के बयान पर गिरिराज सिंह ने कहा कि उन्होंने कौन सा गलत कहा। ‘कॉमन सिविल कोड’, जहां आजादी के बाद हिंदुओं ने तो अपना मैरिज एक्ट एक कर लिया, लेकिन, शरिया कानून और तीन तलाक चलता ही रहा। पीएम मोदी ने इसे हटाया। यह ‘सेकुलर सिविल कोड’ जब होगा तभी ‘एक देश, एक कानून’ होगा।
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