सबके लिए त्वरित न्याय की अवधारणा पर आधारित हैं नये आपराधिक कानून- संतोष कुमार

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भाजपा जिला अध्यक्ष संतोष कुमार ने कहाँ की भारत में आपराधिक कानूनों में परिवर्तन और सुधार एक महत्वपूर्ण विषय है, जो समाज की बदलती आवश्यकताओं और न्याय की आवश्यकता को पूरा करने के लिए समय-समय पर किया जाता है। हाल ही में, भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम जैसे आपराधिक कानूनों को संसद में पारित किया गया। अब एक जुलाई 2024 से पूरे देश में यह लागू हो रहा है।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, श्री अमित शाह ने संसद में कानून को पेश करते हुए कहा कि खत्म होने वाले ये तीनों कानून अंग्रेज़ी शासन को मज़बूत करने और उसकी रक्षा करने के लिए बनाए गए थे । इनका उद्देश्य दंड देने का था, न की न्याय देने का। तीन नए कानून की आत्मा भारतीय नागरिकों को संविधान में दिए गए सभी अधिकारों की रक्षा करना, इनका उद्देश्य दंड देना नहीं बल्कि न्याय देना होगा। भारतीय आत्मा के साथ बनाए गए इन तीन कानूनों से हमारे क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में बहुत बड़ा परिवर्तन आएगा।

 

भाजपा जिला मीडिया प्रभारी प्राणिक वाजपेयी ने कहा की पुराने कानूनों में गुलामी की बू आती थी। ये तीनों पुराने कानून गुलामी की निशानियों से भरे हुए थे क्योंकि इन्हें ब्रिटेन की संसद ने पारित किया था और हमने सिर्फ इन्हें अपनाया था। नए कानून भारतीय नागरिकों के खिलाफ अपराधों को प्राथमिकता दे रहे हैं। नए अपराधिक कानूनों में महिलाओं, बच्चों और मानव शरीर के खिलाफ अपराधों को प्राथमिकता दी गई है।

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