मैरिज सर्टिफिकेट बनवाते समय अब वर-वधु को दहेज का भी विवरण देना होगा। इस संबंध में विभाग ने अपना आदेश भी जारी कर दिया है। अभी तक विवाह प्रमाण पत्र बनाने के लिए वर-वधु पक्ष की ओर से विवाह का कार्ड, आधार कार्ड, हाई स्कूल की मार्कशीट के साथ दो गवाहों के हस्ताक्षर वाले दस्तावेज लगाए जाते रहे हैं। लेकिन,अब इसके साथ-साथ दहेज़ का विवरण भी देना होगा।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में विवाह प्रमाण पत्र बनवाते समय अब वर-वधु को दहेज का विवरण देना होगा। इस संबंध में शासन ने निबंधन विभाग को निर्देश जारी किया है। अब उनके साथ में दहेज के शपथ पत्र को भी अनिवार्य कर दिया गया है और इसके लिए कार्यालय में नोटिस लगा दी गई है। इस शपथ में पत्र में शादी के लिए दिए गए दहेज का पूरा ब्याौरा देना होगा। अधिकारी दीपक श्रीवास्तव के मुताबिक शासन की ओर से विवाह प्रमाणपत्र प्राप्त के लिए शपथ पत्र अनिवार्य कर दिया गया है और सभी को यह निर्देशित किया गया है कि डॉक्यूमेंट के साथ दहेज का प्रमाण पत्र भी दें।
मालूम हो कि, शादी के बाद अगर आप ज्वाइंट बैंक अकाउंट खुलवाना चाहते हैं, तो मैरिज सर्टिफिकेट लगाना होगा। इसके अलावा पासपोर्ट के लिए अप्लाई करते समय भी शादी के प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ेगी। इसके साथ ही यदि आप शादी के बाद बीमा कराना चाहते हैं, तो अपना मैरिज सर्टिफिकेट लगाना जरूरी होगा।
इतना ही नहीं, अगर दंपति ट्रैवल वीज़ा या किसी अन्य देश में स्थाई निवास के लिए आवेदन करना चाहते हैं, तो उसमें में भी मैरिज सर्टिफिकेट लगाना होगा। अगर महिला शादी के बाद सरनेम नहीं बदलना चाहती, तो ऐसे में मैरिज सर्टिफिकेट के बगैर सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं मिलेगा। शादी के बाद किसी नेशनल बैंक से लोन लेने के लिए शादी का सर्टिफिकेट जरूरी होता है। किसी भी प्रकार के कानूनी मामले में मैरिज सर्टिफिकेट जरूरी होगा। सिंगल मदर या तलाकशुदा महिलाओं को नौकरी में रिज़र्वेशन लेने के लिए तलाक का डॉक्यूमेंट दिखाना पड़ता है।