भागलपुर : सांसद अजय कुमार मंडल ने शुक्रवार शाम साढ़े चार बजे मायागंज अस्पताल का निरीक्षण किया। महज दो ही विभागों के निरीक्षण में मरीजों से लेकर तीमारदारों ने डॉक्टरों की पोल खोलते हुए उनके स्वघोषित समर्पण की कलई खोल कर रख दी। इमरजेंसी के निरीक्षण के बाद सांसद अजय कुमार मंडल मेडिसिन विभाग पहुंचे। यहां पर मौजूद एक मरीज के घर की लड़की ने बताया कि सीनियर डॉक्टर देखने तक नहीं आते हैं और अगर कोई परेशानी होती है तो नर्सें खदेड़ देती हैं।
एक मरीज के तीमारदार ने बताया कि उसके परिजन सात दिन से भर्ती हैं लेकिन सीनियर डॉक्टर का उसने चेहरा तक नहीं देखा। जूनियर डॉक्टर सादे कागज पर बाहर से दवा मंगाते हैं। इसके बाद सांसद हड्डी रोग विभाग गये और मरीजों से इलाज-जांच के बारे में जानकारी ली। यहां एक मरीज के तीमारदार ने बताया कि उसके परिजन डॉ. मसीह आजम की यूनिट में भर्ती हैं। वे बार-बार ऑपरेशन की डेट को डिले कर रहे हैं। वहीं दूसरे तीमारदार ने बताया कि यहां के डॉक्टर ऑपरेशन से पहले सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले रॉड आदि की खरीद कराते हैं। इसे बेचने वाले दलाल वार्ड में मरीजों के बेड तक पहुंच जाते हैं। वहीं तीन से चार मरीजों के तीमारदारों ने बताया कि उन लोगों के मरीजों का आयुष्मान कार्ड बनने के बावजूद अस्पताल में रॉड लगाने के नाम पर तीन से पांच हजार रुपये वसूल लिया गया। ये सब सुनकर सांसद नाराज हो गये और अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार को बोले कि सीनियर डॉक्टरों की मनमानी व जूनियर डॉक्टरों द्वारा बाहर से दवा व उपकरण मंगाने की प्रवृत्ति पर लगाम लगाएं और मरीजों की समस्याओं का निस्तारण करें। इस मौके पर हॉस्पिटल मैनेजर सुनील कुमार गुप्ता ने एक-एक शिकायतों को नोट किया।