खगड़िया सांसद राजेश वर्मा ने बच्चे के अपहरण मामले में उनके बड़े भाई विष्णु वर्मा को साजिश के तहत सरे राह कस्टडी में लिए जाने को लेकर भागलपुर पुलिस के डीआईयू प्रभारी इंस्पेक्टर रंजीत कुमार रजक की शिकायत मुख्य सचिव से की है।
उनका आरोप है कि 27 जुलाई को तिलकामांझी चौक से उनके भाई को कस्टडी में लिया गया और इंस्पेक्टर ने उनके भाई के साथ बदतमीजी की। उनके पत्र पर जांच रिपोर्ट तलब की गई है। सांसद ने अपने पत्र में मुख्य सचिव को लिखा है कि उक्त इंस्पेक्टर ने पहले भी उनके पासपोर्ट के सत्यापन के लिए 50 हजार रुपये की मांग की थी। उसकी शिकायत करने के बारे में कहा था इसलिए वह टारगेट करते हुए काम कर रहे हैं। उनका कहना है कि जिस बच्चे का अपहरण किया गया था उसके परिजनों ने उनके भाई पर घटना में संलिप्त होने का आरोप नहीं लगाया था फिर ऐसा किया गया। इंस्पेक्टर रंजीत के बारे में बताया है कि उनपर पहले भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। एक मामले में उन्हें सस्पेंड भी किया गया था। उन्होंने लिखा है कि वर्तमान सांसद के परिवार वालों के साथ अगर पुलिस ऐसा कर रही है तो आम जनता के साथ क्या होता होगा।
सांसद के उक्त आरोप पर एसएसपी आनंद कुमार ने कहा कि उनके पत्र पर जांच के लिए अभी तक निर्देश पत्र उन्हें प्राप्त नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि बच्चे के परिजनों द्वारा उपलब्ध कराए गए वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर और उसके आधार पर मोबाइल नंबर निकाला गया और उसी का सत्यापन किया गया था।