बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिवंगत बीजेपी नेता सुशील मोदी को श्रद्धांजलि दी। सीएम नीतीश कुमार के साथ राज्यसभा सांसद संजय झा और मंत्री विजय चौधरी भी मौजूद रहे। घर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात कर उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान तबीयत खराब होने के चलते पिछले दो दिनों में मुख्यमंत्री के जितने भी कार्यक्रम थे उसे रद्द कर दिया गया था। इस वजह से सुशील मोदी के अंतिम दर्शन नहीं कर पाए थे। यहां तक की पीएम मोदी के नामांकन कार्यक्रम में भी शामिल नहीं हुए थे।
इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने शोक संदेश में कहा कि स्व. सुशील कुमार मोदी जेपी आंदोलन के सच्चे सिपाही थे। उपमुख्यमंत्री के तौर पर भी उन्होंने हमारे साथ काफी वक्त तक काम किया. मेरा उनके साथ व्यक्तिगत संबंध था और उनके निधन से मैं मर्माहत हूं। मैनें आज सच्चा दोस्त और कर्मठ राजनेता खो दिया है। उनके निधन से राजनीतिक और सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने ईश्वर से कामना की है कि स्व. सुशील कुमार मोदी के परिजनों, समर्थकों और प्रशंसकों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करें।
मालूम हो कि, बिहार में बदलाव लाने के लिए हमेशा नीतीश कुमार और सुशील कुमार मोदी की जोड़ी को याद किया जाएगा। ऐसा माना जाता है कि सुशील इस बदलाव के साइलेंट वाॅरियर थे। नीतीश कुमार की राजग में दोबारा वापसी में भी उनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी। उस समय महागठबंधन की सरकार में लालू परिवार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कई मामले उजागर किए थे। इसको लेकर लगातार 41 प्रेस वार्ता भी की थी। नतीजा, यह रहा कि सरकार अस्थिर हुई और राजद से नाता तोड़ नीतीश वापस भाजपा के साथ आ गए।
आपको बताते चलें कि,बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के दिग्गज नेता सुशील कुमार मोदी ने सोमवार देर रात अंतिम सांस ली। वह कैंसर से जूझ रहे थे और दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था। वह 72 साल के थे। उनके निधन की खबर मिलने के बाद से सियासी गलियारों में शोक की लहर दौड़ गई है। पीएम मोदी ने भी उनके निधन पर शोक जताया है।