सुपौल में कोसी बराज के 56 फाटकों में से 14 फाटक खोले गए, गंगा और कोसी के जलस्तर में वृद्धि
कोसी और सीमांचल के जिलों में शुक्रवार को जहां महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि थम गयी वहीं कोसी और गंगा के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में बारिश थमने के बाद कोसी नदी के जलस्तर में कमी होने लगी थी। लेकिन शाम चार बजे से फिर जलस्तर में वृद्धि होने लगी है।
सुपौल जिले में कोसी नदी का जलस्तर गुरुवार को 2 लाख 39 हजार 515 क्यूसेक तक पहुंच गया था। शुक्रवार शाम चार बजे कोसी बराज पर 1 लाख 25 हजार 845 क्यूसेक डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया है जो बढ़ने के क्रम में है। बराह क्षेत्र में 68 हजार क्यूसेक मापा गया जो घटने की स्थिति में है। मुख्य अभियंता वीरपुर मनोज रमण ने बताया कि पूर्वी कोसी तटबंध के स्पर संख्या 16. 98 पर हल्की दवाब था वह अब नहीं है। फिलहाल कोई खतरा नही है। कोसी बराज के 56 फाटकों में से 14 फाटक खोले गए है। वहीं मधेपुरा और सहरसा जिले में भी कोसी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई है। इधर अररिया जिले में शुक्रवार को जिले होकर बहने वाली प्रमुख नदियों के जल स्तर खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही है। बाढ़ के पानी में कई जगह ग्रामीण सड़कें टूटने से लोगों को आवागमन में दिक्कत हो रही है। जबकि किशनगंज जिले में शुक्रवार को प्रमुख नदियों के जल स्तर में कमी आई है। जबकि कटिहार जिले में पिछले चार दिनों से अपनी महानंदा के जलस्तर की बढ़ती रफ्तार पर ब्रेक लग गया है। जबकि गंगा और कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है।
महानंदा का जलस्तर झौआ और बहरखाल में घट रहा है जबकि अन्य स्थलों पर स्थिर हो गया है। गंगा और कोसी नदी का जलस्तर काढ़ागोला और मनिहारी में बढ़ना जारी है ।
खगड़िया के चौथम प्रखंड के शिशवा में कटाव शुरू
खगड़िया जिले में कोसी व बागमती नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है। कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण चौथम प्रखंड अंतर्गत शिशवा गांव के पास कटाव शुरू हो गया है जिससे गांव के लोग भयभीत हैं। इधर बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल टू के कार्यपालक अभियंता ने शुक्रवार को कटाव स्थल का जायजा लिया। उन्होंने शीघ्र कटाव निरोधक कार्य शुरू किए जाने की बात कही।
-अरुण कुमार, अधीक्षण अभियंता बाढ़ नियंत्रण विभाग भागलपुर
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