सुप्रीम कोर्ट ने किया के कविता की जमानत याचिका पर सुनवाई से इनकार, कहा- पहुंचे ट्रायल कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत राष्ट्र समिति MLC के कविता को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को भारत राष्ट्र समिति MLC के कविता को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को कहा. प्रोटोकॉल का हवाला देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने के कविता को जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट से जाने की हिदायत दी. मालूम हो कि, सुप्रीम कोर्ट की यही बेंच दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के गिरफ्तारी मामले में सुनवाई कर रही है।
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने के कविता के धन शोधन निवारण अधिनियम के प्रावधानों, जिसके तहत उन्हें बीते 15 मार्च गिरफ्तार किया गया था, को चुनौती देने वाली याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय को नोटिस जारी कर दिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने के कविता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल से कहा कि, ”प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिका लंबित मामलों के साथ आएगी।”
वहीं सुनवाई के दौरान सिब्बल ने पीठ से कहा कि एक सरकारी गवाह के बयान के आधार पर लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है. हालांकि, अदालत ने कहा कि वह फिलहाल मामले की योग्यता पर नहीं जा रही है।
क्या है के कविता के खिलाफ मामला?
तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी कविता फिलहाल 23 मार्च तक एजेंसी की हिरासत में हैं।
ईडी का के कविता पर आरोप है कि, उन्होंने आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर दिल्ली शराब नीति में लाभ प्राप्त किया है. इसके लिए उन्होंने पार्टी को ₹100 करोड़ का भुगतान भी किया है. हालांकि कविता ने ईडी के तमाम आरोपों को गलत करार दिया है।
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