NEET मामले की सुनवाई आज टाल दी गई है। अब इस मामले पर सुनवाई 18 जुलाई को की जाएगी। इस मामले से जुड़ी 43 याचिकाएँ कोर्ट में लिस्टेड हैं। CJI चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। बीते दिन केंद्र सरकार ने मामले पर अपना हलफनामा दायर किया। हलफनामे में बताया कि पेपर लीक बहुत कम लेवल पर हुई है, इस कारण दोबारा परीक्षा आयोजित करना सही नहीं।
क्या कहा गया हलफनाम में?
जानकारी दे दें कि NEET मामले पर केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया कि आईआईटी मद्रास ने डेटा एनालिसिस किया और उस डाटा में कोई असामान्यता या कोई सामूहिक गड़बड़ी नहीं दिखी। साथ ही केंद्र ने उठाए गए सभी मुद्दों पर विचार करने के लिए 7 सदस्यीय एक्सपर्ट पैनल गठित करने का प्रस्ताव भी रखा ताकि भविष्य में इस तरह की कोई पेपर लीक समस्या न पैदा हो। वहीं, आगे बताया कि काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई के तीसरे हफ्ते से शुरू होकर 4 चरण में आयोजित की जाएगी। यदि किसी उम्मीदवार के बारे में यह पाया जाता है कि उसने किसी गड़बड़ी से लाभ उठाया है तो ऐसे उम्मीदवार की काउंसलिंग प्रक्रिया के दौरान या उसके बाद भी किसी भी स्तर पर एडमिशन रद्द कर दी जाएगी।
दोबारा परीक्षा नहीं कराने के पक्ष में सरकार
सरकार ने हलफनामे में आगे कहा है कि गड़बड़ी में शामिल लोगों की पड़ताल डाटा एनालिसिस के जरिए करने के लिए मद्रास आईआईटी से गुजारिश की गई है। उनका विश्लेषण बताता है कि बड़ी अनियमितता नहीं हुई है क्योंकि जिन्हें परीक्षा में ज्यादा नंबर मिले हैं उनकी संख्या कम है। केंद्र ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित कर रहा है कि 23 लाख उम्मीदवारों पर ‘अप्रमाणित आशंकाओं’ के आधार पर दोबारा परीक्षा का बोझ न डाला जाए। सरकार ने यह कहा है कि वो ये सुनिश्चित कर रहा है कि गलत तरीके से फायदा उठाने के दोषी किसी भी उम्मीदवार को कोई लाभ न मिले।