सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को मिली बड़ी राहत, बूथ बार मतदान प्रतिशत डेटा जारी करने की याचिका खारिज

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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को चुनाव आयोग को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने लोकसभा चुनावों के बीच बूथ वार मतदाता -मतदान डेटा से संबंधित फॉर्म 17सी डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि यह संदेह और आशंका पर आधारित है, जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अवकाश पीठ ने एनजीओ की याचिका सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग के लिए इस स्तर पर आवश्यक मैन पावर की व्यवस्था करना चुनौतीपूर्ण होगा। मतदान के पांच चरण पहले ही पूरे हो चुके हैं। अब केवल दो चरण बाकी हैं।

एडीआर ने दायर की थी याचिका : बेंच ने कहा, “हमें जमीनी हकीकत को भी ध्यान में रखना चाहिए। चुनाव के दौरान प्रक्रिया को बीच में बदलकर ज्यादा बोझ नहीं डालना चाहिए।” याचिका एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) नाम के एनजीओ द्वारा लगाई गई थी।

17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ की याचिका पर चुनाव आयोग से एक हफ्ते के भीतर जवाब मांगा था। एडीआर ने अपनी 2019 जनहित याचिका के हिस्से के रूप में एक अंतरिम आवेदन दायर किया था। इसमें लोकसभा चुनाव के प्रत्येक चरण के समापन के तुरंत बाद सभी मतदान केंद्रों से “फॉर्म 17 सी भाग- I (रिकॉर्ड किए गए वोटों का खाता)” की स्कैन कॉपी अपलोड करने के लिए चुनाव आयोग को निर्देश देने की मांग की गई थी।

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