सुप्रीम कोर्ट से योगी सरकार को झटका: कांवड़ रूट में ‘नेमप्लेट’ पर लगी रोक बरकार, अदालत ने सभी दलिलों को खारिज किया

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उत्तर प्रदेश के कांवड़ रूट पर खाने-पीने की दुकानों पर योगी सरकार ने दुकानदारों को नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार के इस आदेश पर रोक लगा दी थी। इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार की सभी दलिलों को खारिज करते हुए दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर अगली सुनवाई तक रोक को बरकरार रखा है।

पिछली सुनवाई में योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर करते हुए कोर्ट को बताया था कि राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से नेमप्लेट लगाने का आदेश दुकानदारों को जारी किया था हालांकि शीर्ष अदालत ने यूपी सरकार की दलिलों को खारिज कर दिया है और दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश पर रोक को पांच अगस्त तक जारी रखने का निर्देश दिया है। इस मामले पर कोर्ट में पांच अगस्त को अगली सुनवाई होगी।

दरअसल, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांवड़ यात्रा को लेकर आदेश जारी किया था कि कांवड़ यात्रा के रूट में जितनी भी खाने-पीने की चीजों की दुकानें हैं उन दुकानों पर दुकान के मालिक और संचालक अपना नाम लिखेंगे। यूपी की योगी सरकार ने शिवभक्तों की आस्था का हवाला देकर इस आदेश का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया था। सरकार के इस फैसले के बाद इसको लेकर विवाद छिड़ गया था।

योगी सरकार के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अलग-अलग याचिकाएं दायर कर इस फैसले को रद्द करने की मांग की गई थी। 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ऋषिकेश रॉय और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने याचिकाओं पर सुनवाई की थी।सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए योगी सरकार के आदेश पर रोक लगा दिया था।

शीर्ष अदालत ने पिछली सुनवाई में कहा था कि जुकानदार अपनी दुकानों पर खाने का प्रकार लिखें, अपना नाम लिखने की उन्हें जरूरत नहीं है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था। योगी सरकार की तरफ से कोर्ट में दाखिल हलफनामा पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को फैसले पर अगली सुनवाई तक रोक को बरकरार रख है।