सुल्तानगंज में प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त,लगाया जुर्माना

Plastic ban

सुल्तानगंज। नगर परिषद छापामारी दल द्वारा नगर परिषद क्षेत्रांतर्गत स्टेशन रोड, दिलगौरी चौक पर सघन छापामारी की गई।इस दौरान खुले में मुर्गा, मांस, मछली बेचने और सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग करने वाले के विरुद्ध कार्रवाई करते हुए एक किलो सात सौ ग्राम प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त की और पांच हजार चार सौ रुपये राशि जुर्माने की वसूली की गई।

प्रतिबंधित प्लास्टिक का मतलब उन प्लास्टिक उत्पादों से है जिनका उत्पादन, बिक्री और उपयोग कानून द्वारा निषिद्ध है। यह प्रतिबंध आमतौर पर प्लास्टिक के उन प्रकारों पर लगाया जाता है जो पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुँचाते हैं और जिन्हें रिसाइकिल करना मुश्किल होता है। भारत में, प्रतिबंधित प्लास्टिक में अक्सर शामिल होते हैं:

 

  1. प्लास्टिक बैग: 50 माइक्रोन से कम मोटाई वाले प्लास्टिक बैग अक्सर प्रतिबंधित होते हैं, क्योंकि ये आसानी से टूट जाते हैं और पर्यावरण में फैल जाते हैं।

 

  1. सिंगल-यूज प्लास्टिक: इसमें प्लास्टिक के बर्तन, कप, प्लेट, स्ट्रॉ, और पॉलिथीन के थैले शामिल हैं जो एक बार इस्तेमाल के बाद फेंक दिए जाते हैं।

 

  1. प्लास्टिक की बोतलें: कुछ स्थानों पर छोटी प्लास्टिक की बोतलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, खासकर उन पर जिनका पुन:चक्रण कठिन होता है।

 

  1. प्लास्टिक रैप और पैकेजिंग: खाने-पीने की चीजों की प्लास्टिक रैपिंग और पैकेजिंग पर भी प्रतिबंध हो सकता है, विशेषकर अगर वे पुन:चक्रण योग्य नहीं हैं।

 

भारत सरकार और राज्य सरकारें समय-समय पर प्लास्टिक प्रतिबंध के बारे में नए नियम और दिशानिर्देश जारी करती रहती हैं। उदाहरण के लिए, 2022 में भारत सरकार ने सिंगल-यूज प्लास्टिक पर व्यापक प्रतिबंध लगाया, जिसमें प्लास्टिक के बैग, कप, प्लेट, और स्ट्रॉ जैसे उत्पाद शामिल थे।

 

इस प्रतिबंध का उद्देश्य प्लास्टिक कचरे को कम करना और पर्यावरण को सुरक्षित रखना है। इसके पालन के लिए विभिन्न सरकारी विभाग निरीक्षण और जब्ती की कार्रवाई करते हैं और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही, लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न अभियान भी चलाए जाते हैं ताकि वे पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाएं।

प्रतिबंधित प्लास्टिक जब्त करने और जुर्माना लगाने की प्रक्रिया विभिन्न देशों और क्षेत्रों में अलग-अलग होती है, लेकिन सामान्य तौर पर इसमें निम्नलिखित कदम शामिल होते हैं:

 

  1. निरीक्षण और निगरानी: सरकारी अधिकारी नियमित रूप से बाजार, दुकानों, और उत्पादन इकाइयों की जांच करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि प्रतिबंधित प्लास्टिक का उपयोग नहीं हो रहा है।

 

  1. जब्ती की कार्रवाई: अगर निरीक्षण के दौरान प्रतिबंधित प्लास्टिक पाया जाता है, तो अधिकारी इसे जब्त कर लेते हैं। यह जब्ती सीधे दुकान, फैक्ट्री या उपयोगकर्ता से की जाती है।

 

  1. जुर्माना और दंड: जब्ती के बाद, संबंधित व्यक्ति या संस्था पर जुर्माना लगाया जाता है। यह जुर्माना कानून और नियमों के अनुसार होता है। कई जगहों पर, जुर्माना की राशि उपयोग की गई या जब्त की गई प्लास्टिक की मात्रा पर निर्भर करती है।

 

  1. शिकायत और अपील: यदि किसी व्यक्ति या संस्था को लगता है कि उन पर अनुचित तरीके से जुर्माना लगाया गया है, तो वे कानूनन इसके खिलाफ अपील कर सकते हैं।

 

  1. जनजागरूकता अभियान: सरकार और एनजीओ द्वारा समय-समय पर जनजागरूकता अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोग प्रतिबंधित प्लास्टिक के नुकसान और वैकल्पिक उपायों के बारे में जान सकें।

 

इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की सुरक्षा और प्लास्टिक कचरे को कम करना होता है। विभिन्न शहरों और राज्यों में लागू नियम और उनके अनुपालन का तरीका भिन्न हो सकता है।

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