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हरियाणा की दो लोकसभा सीटों की होगी EVM जांच, गड़बड़ी को लेकर थी आशंका

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हरियाणा में करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों पर चुनाव आयोग ने ईवीएम की जांच के आदेश दिए हैं. यह कदम कांग्रेस प्रत्याशियों की शिकायतों के बाद उठाया गया है, जिन्होंने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था.

मुख्य तथ्य

  • हरियाणा की दो लोकसभा सीटों की होगी EVM जांच
  • गड़बड़ी को लेकर थी आशंका
  • कांग्रेस प्रत्याशियों ने जताई थी ये आशंका

हरियाणा में लोकसभा चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की शिकायतों पर चुनाव आयोग ने जांच के आदेश दिए हैं. करनाल और फरीदाबाद लोकसभा सीटों पर ईवीएम की जांच की जाएगी. करनाल सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के सामने कांग्रेस के दिव्यांशु बुद्धिराजा थे, जबकि फरीदाबाद सीट पर बीजेपी से केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर और कांग्रेस के महेंद्र प्रताप ने चुनाव लड़ा था. दोनों कांग्रेस प्रत्याशियों ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर ईवीएम की जांच की मांग की थी.

ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका

आपको बता दें कि दिव्यांशु बुद्धिराजा और महेंद्र प्रताप ने चुनाव के दौरान ईवीएम में गड़बड़ी की आशंका जताई थी. चुनाव आयोग ने इनकी मांग को गंभीरता से लेते हुए करनाल लोकसभा सीट पर चार ईवीएम और फरीदाबाद लोकसभा सीट पर दो ईवीएम की जांच कराने का निर्णय लिया है. यह पहली बार है जब चुनाव आयोग ने ईवीएम चेक करने के लिए गाइडलाइंस जारी की हैं.

जांच का खर्च उम्मीदवार को उठाना होगा

वहीं निर्वाचन आयोग को लोकसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के बाद विभिन्न दलों के उम्मीदवारों से आठ आवेदन मिले हैं, जिसमें ईवीएम में छेड़छाड़ या हेरफेर संबंधी सत्यापन की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम से छेड़छाड़ की आशंका को ‘निराधार’ बताते हुए मतपत्रों के जरिए मतदान की पुरानी प्रणाली को फिर से लागू करने की मांग को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि प्रत्याशी चुनाव परिणाम घोषित होने के सात दिन के अंदर परिणाम की दोबारा जांच की मांग कर सकता है, ऐसी स्थिति में इंजीनियर द्वारा माइक्रो कंट्रोलर की मेमोरी की जांच की जाएगी. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया था कि इस जांच का खर्च उम्मीदवार को ही उठाना होगा और यदि चुनाव परिणाम में कोई अनियमितता साबित होती है तो उम्मीदवार को सारा खर्च वापस मिलेगा.

ईवीएम की जांच प्रक्रिया

इसके साथ ही आपको बता दें कि ईवीएम की जांच के आदेश से यह स्पष्ट है कि चुनाव आयोग ने उम्मीदवारों की शिकायतों को गंभीरता से लिया है. ईवीएम की जांच के दौरान माइक्रो-कंट्रोलर चिप की सत्यता और किसी भी प्रकार की हेरफेर की संभावना की जांच की जाएगी. यह प्रक्रिया चुनावी पारदर्शिता और निष्पक्षता को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है.

कांग्रेस प्रत्याशियों की भूमिका

वहीं बता दें कि दिव्यांशु बुद्धिराजा और महेंद्र प्रताप ने अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में ईवीएम की गड़बड़ी के खिलाफ आवाज उठाई और चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इसकी जांच की मांग की. उनकी इस पहल ने चुनाव आयोग को कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया. करनाल और फरीदाबाद में ईवीएम की जांच से संकेत मिलते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी तरह की कोई भी छेड़छाड़ की भविष्य में भी जांच की जाएगी.

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