हर दिन 8 घंटे पढ़ाई, नील आर्यन गुप्ता ने परीक्षा के लिए रोकी सर्जरी, बन गए JEE टॉपर

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देश के टॉप इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए जेईई परीक्षा पास करना जरूरी है।इसकी गिनती दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में की जाती है।जेईई एडवांस्ड।

जिंदगी में सफल होने के लिए मन को मजबूत करके लक्ष्य की तरफ बढ़ना चाहिए. नील आर्यन गुप्ता ने जेईई परीक्षा पास करने के लिए फिजिकली और मेंटली, कई तरह के कई एग्जाम दिए. जेईई परीक्षा से पहले उनकी तबियत काफी खराब हो गई थी. लेकिन उन्होंने इसे रोड़ा नहीं बनने दिया. कुछ तकलीफें सहकर उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और जेईई टॉपर लिस्ट 2018 में शामिल हो गए।

इरादे मजबूत हों तो सफलता कदम जरूर चूमेगी. पंचकुला के रहने वाले नील आर्यन गुप्ता ने इस बात को साबित कर दिखाया. वह फिस्टुला नामक बीमारी से पीड़ित थे. इसमें शरीर के दो अंगों, (जैसे एक अंग या ब्लड वेसेल और अन्य स्ट्रक्चर के बीच एक अबनॉर्मल कनेक्शन बन जाता है. फिस्टुला की समस्या आमतौर पर किसी चोट या सर्जरी की वजह से होती है. नील आर्यन गुप्ता के लिए जेईई परीक्षा की तैयारी करना बिल्कुल भी आसान नहीं था. पढ़िए उनकी सक्सेस स्टोरी.

शानदार था 10वीं, 12वीं रिजल्ट
नील आर्यन गुप्ता पढ़ाई में बहुत होशियार रहे हैं. उन्होंने हरियाणा के पंचकुला में स्थित मानव मंगल स्कूल से 10वीं बोर्ड परीक्षा पास की थी. इसमें उन्होंने 10 सीजीपीए हासिल किया था. इसके बाद गुरु गोबिंद सिंह सीनियर सेकेंडरी स्कूल-35 से 12वीं परीक्षा दी थी. इसमें उन्हें 93.2 प्रतिशत मार्क्स मिले थे. नील इंडियन नेशनल केमिस्ट्री ओलिंपियाड और इंडियन नेशनल एस्ट्रोनॉमी ओलिंपियाड में भी सफल हो चुके हैं. नील के पिता शंकर गुप्ता प्रॉपर्टी डीलर और मां रेनु गुप्ता ओरिएंटल इश्योरेंस बैंक में सीनियर ब्रांच मैनेजर हैं।

बीमारी में दी 12वीं बोर्ड परीक्षा
नील आर्यन गुप्ता 12वीं बोर्ड परीक्षा के दौरान काफी बीमार हो गए थे. उन्हें हॉस्पिटल में एडमिट होना पड़ा. वह मैथ्स का पेपर देने के लिए सीधे हॉस्पिटल से ही आए थे. आर्यन को बैठने में काफी परेशानी हो रही थी. इस मैथ्स एग्जाम में उन्हें 100 में से 100 अंक मिले थे. बोर्ड परीक्षा के बाद उनकी तबीयत बिगड़ती जा रही थी. शुरुआत में डॉक्टर्स को उनकी बीमारी समझ में नहीं आई. लेकिन इससे परेशान होकर वह पढ़ाई नहीं कर पा रहे थे. बाद में डॉक्टर्स ने ऑपरेशन की सलाह दी थी।

जेईई मेंस तक के लिए टाल दी सर्जरी
जब तक ऑपरेशन की सलाह मिली, तब तक जेईई मेंस परीक्षा का काउंटडाउन शुरू हो चुका था. आर्यन को पता था कि अगर अभी सर्जरी करवा ली तो जेईई मेन परीक्षा दे पाना मुमकिन नहीं होगा. सर्जरी करवाते तो उन्हें एग्जाम ड्रॉप करना पड़ जाता. फिर उनके पेरेंट्स ने पीजीआई चंडीगढ़ के डॉक्टर्स से कंसल्ट किया. उन्होंने जेईई मेंस तक ऑपरेशन टालने की हरी झंडी दे दी. लेकिन इससे उनकी परेशानियां बढ़ती चली गईं. वह दवाइयों के सहारे अपना दर्द कम कर रहे थे।

जेईई मेन परीक्षा के बाद शुरू हुआ नया सफर
जेईई मेन 2018 परीक्षा के दिन एग्जाम हॉल में ही उनकी तबियत बिगड़ गई. तब उन्हें स्टेबल होने में 15-20 मिनट लग गए थे. उनके हिसाब से उनका एग्जाम अच्छा नहीं गया था. जेईई मेंस परीक्षा के बाद नील आर्यन गुप्ता का ऑपरेशन करवाया गया. इसके बाद दिन में 2 बार उनकी ड्रेसिंग की जाती थी. इसमें उन्हें काफी दर्द होता था. फिर दवाइयां भी खानी पड़ती थीं, जिसके बाद उन्हें नींद आती थी. इस सबके बीच उन्होंने जेईई एडवांस्ड परीक्षा से उम्मीद लगानी छोड़ दी थी।

JEE Advanced: शुरू से की शुरुआत
ऑपरेशन के बाद नील को बैठने में मुश्किल महसूस होती थी. पढ़ाई की शुरुआत करने के लिए उन्हें बैठने की प्रैक्टिस करनी पड़ी. जब बैठने में ज्यादा दिक्कत होती थी तो लेटकर पढ़ाई करते थे. आर्यन के टीचर्स उन्हें ईमेल पर प्रैक्टिस के लिए टेस्ट पेपर्स भेजते थे. खुद को मोटिवेट करने के लिए वह यूट्यूब पर वीडियो देखते थे. उन्हें अहसास हुआ कि टेस्ट पेपर सॉल्व करते हुए वह अपना दर्द भूल जाते थे. जब वह जेईई एडवांस्ड परीक्षा देकर आए तो टॉप 30 में नाम आने की उम्मीद कर रहे थे।

जेईई एडवांस्ड रिजल्ट देखकर पूरी हुई तपस्या
नील आर्यन गुप्ता ने जेईई मेन परीक्षा में 182वीं रैंक हासिल की थी. जेईई एडवांस्ड तक उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ने के बावजूद उनका पेपर अच्छा हुआ था. जेईई एडवांस्ड पेपर 1 के बाद उन्हें थकान महसूस हो रही थी. पेपर 2 से पहले जो गैप मिला था, उसमें उन्होंने पावर नैप लेकर रेस्ट किया था. तब वह खुद को पेपर 2 के लिए तैयार कर पाए थे. जेईई एडवांस्ड परीक्षा में 10वीं रैंक देखकर वह खुद चौंक गए थे. उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि वह टॉपर्स लिस्ट में नाम बना पाएंगे लेकिन उनकी मेहनत रंग लाई।

अभी कहां हैं जेईई टॉपर?
जेईई एडवांस्ड 2018 टॉपर लिस्ट में शामिल नील आर्यन गुप्ता के लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार, उन्होंने आईआईटी बॉम्बे से सीएस यानी कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया था. वह जेएस, रिएक्ट, पायथन, सी प्लस प्लस, सी में काफी प्रोफिशिएंट हैं. वह कंप्यूटर विजन, डेटा साइंस और डीप लर्निंग में रुचि रखते हैं. इसके साथ ही उनकी दिलचस्पी CTF’s और साइबरसिक्योरिटी में भी है. फिलहाल वह Uber India में फ्रंटएंड SDE 2 लेवल पर कार्यरत हैं।