हिंडनबर्ग द्वारा जारी की गई ताजा रिपोर्ट पर इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने कहा कि इसका मकसद देश में पैनिक माहौल पैदा कर रिटेल निवेशकों के शेयर बाजार की तरफ बढ़ते हुए रुझान को नुकसान पहुंचाना है। इसका मकसद केवल व्यक्तिगत लाभ कमाना है।
चैम्बर ऑफ जय अनंत देहद्राई के संस्थापक एडवोकेट जय अनंत देहद्राई ने कहा, “पहले भी हिंडनबर्ग रिपोर्ट जारी कर चुका है और मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा एक कमेटी भी बनाई गई और इसकी जांच में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला, जिसका दावा हिंडनबर्ग की ओर से किया गया था। पहले इन्होंने अदाणी ग्रुप को टारगेट करने की कोशिश की, उसमें सफल नहीं हो सके तो अब रेगुलेटर को बिना तथ्यों के टारगेट कर रहे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “हिंडनबर्ग का मकसद केवल मार्केट को शॉर्ट कर पैसा कमाना है। शनिवार को रिपोर्ट आती है, रविवार को इस पर चर्चा होती है, जिससे सोमवार को बाजार में गिरावट आए और ये पैसा कमाएं। देहद्राय ने आगे कहा कि मेरी समझ में इस रिपोर्ट का उद्देश्य बाजार को चोट पहुंचाकर भारतीय अर्थव्यवस्था को खराब करना है। यह सब प्लानिंग के तहत किया जा रहा है। इसमें बाहर के साथ-साथ देश के भी कुछ लोग शामिल हैं, जो लोग भारत का माहौल खराब करना चाहते हैं।”
केडियानॉमिक्स के संस्थापक और सीईओ, सुशील केडिया ने कहा, “बदनाम शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग की पोल 18 महीने पहले ही खुल चुकी है, जब उन्होंने अदाणी ग्रुप को लेकर बड़े दावे किए थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच में कुछ नहीं निकलकर आया। बल्कि, सिक्योरिटी मार्केट के नियमों के उल्लंघन के लिए उन्हें सेबी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।”
उन्होंने आगे कहा, “अब 18 महीने बाद हिंडनबर्ग अचानक से आता है और सोशल मीडिया पर दावा करता है कि भारत के बारे में उसके पास कुछ बड़ा है। इसका मकसद केवल रिटेल निवेशकों के भरोसे को तोड़कर भारत के शेयर मार्केट को समाप्त करना है। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि माधबी पुरी बुच के पति ने 2017 से पहले आईआईएफएल की ओर से चलाए जाने वाले फंड के जरिए सिंगापुर में निवेश किया था।”
“बदनाम हिंडनबर्ग ने बड़ी चालाकी दिखाई, उन्होंने भ्रष्टाचार आदि का कोई आरोप नहीं लगाया है, बल्कि यह कहा है कि अदाणी ने उस पैसे का इस्तेमाल किया है। यह कुछ ऐसा ही है कि कोई व्यक्ति किसी बैंक के साथ काम करता है और थर्ड पार्टी कहती है कि इस व्यक्ति कुछ गलत किया है और अब 18 महीने बाद आकर वही थर्ड पार्टी कहती है कि सेबी चेयरमैन बुच के पति का खाता भी इस बैंक में है।”
उन्होंने आगे कहा, “सेबी देश में बाजार के नियमन का काम करती है और कानून बनाती है और उनका पालन भी करवाती है। इस रिपोर्ट के जरिए सेबी की छवि धूमिल करने की कोशिश की गई है। इस कारण से हिंडनबर्ग के इस कार्य को क्राइम माना जाना चाहिए, जो कि पूरे भारत के लोगों के खिलाफ है।”
बैंकिंग सेक्टर के जानकार अश्विनी राणा का कहना है कि, “भारत तेज गति से आगे बढ़ रहा है। कई विदेशी ताकतें नहीं चाहती कि भारत विकास करे, तो वे इस तरह की रुकावट पैदा करते रहते हैं। इस तरह के मामलों से शेयर बाजार पर छोटी अवधि के लिए असर हो सकता है, लेकिन भारत की अर्थव्यवस्था मजबूत है और लंबे समय में इसका कोई असर नहीं होगा।”