हिंडनबर्ग बाजार का भरोसा तोड़ने की कर रहा कोशिश, सेबी ने की निवेशकों से सावधान रहने की अपील

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भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने हिंडनबर्ग द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट का खंडन किया है। साथ ही सेबी ने निवेशकों से सावधान रहने की अपील भी की है। सेबी ने कहा है कि हिंडनबर्ग ने खुद ही अपनी ओर से सफाई जारी की है, जिसमें कहा गया है कि कंपनी के शेयर में उसकी खुद की शॉर्ट पोजीशन हो सकती है।

हिंडनबर्ग के आरोपों का सेबी ने दिया जवाब 

केवल इतना ही नहीं, आरईआईटी (REIT) रेगुलेशन पर हिंडनबर्ग के आरोपों का भी सेबी ने जवाब दिया है। सेबी ने इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया। सेबी ने सीधे तौर पर कहा है कि जब निशेवकों के हित की बात आती है पूंजी बाजारों के हित की बात हम करते हैं तो सेबी उसमें कोई भी कोताही नहीं बरतता। उसी लिहाज से यह बात कही गई है कि निवेशक बाजार को पहले जांचें-परखें और उसके बाद ही किसी प्रकार का निर्णय लें।

सेबी चीफ ने अदानी समूह से जुड़ी संस्थाओं में हिस्सेदारी के आरोपों को सिरे से किया खारिज 

इस मामले में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच ने अपने खिलाफ हाल की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया है। खासतौर से माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आडानी ग्रुप से जुड़ी संस्थाओं में हिस्सेदारी का आरोप लगाया गया था।

ऐसे में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों से सावधान रहने की अपील की है। सेबी ने कहा है कि हिंडनबर्ग ने खुद ही अपनी ओर से सफाई जारी की है और इस सफाई में कहा गया है कि कंपनी के शेयर में उसकी खुद की शॉर्ट पोजीशन हो सकती है।

भारतीय म्यूचुअल फंड संघ ने भी की हिंडनबर्ग द्वारा जारी रिपोर्ट की आलोचना

वहीं भारतीय म्यूचुअल फंड संघ ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच के खिलाफ हाल की हिंडनबर्ग रिपोर्ट की आलोचना की है। संघ ने एक बयान में कहा कि हिंडनबर्ग बाजार का भरोसा तोड़ने और विश्व की सबसे तेज गति से विकसित हो रही अर्थव्यवस्था के प्रगति पथ में अनावश्यक व्यवधान डालने की कोशिश कर रहा है।
भारतीय म्यूचुअल फंड संघ ने कहा कि सेबी की अध्यक्ष पर आरोप न केवल भारतीय पूंजी बाजार में उनके योगदान को नजरअंदाज करता है, बल्कि यह देश की आर्थिक प्रगति को भी कम करके आंकता है।

हिंडनबर्ग के दावों में सही संदर्भ और भारतीय नियामक तंत्र के प्रति समझ का अभाव है। इसका उद्देश्‍य कठिन परिश्रम से अर्जित देश की उपलब्धियों को धूमिल करना है। उद्योग निकाय ने कहा कि बाजार नियामक सेबी ने एक ऐसा सक्रिय बाजार सृजित किया है, जिसमें स्थानीय और वैश्विक निवेशकों का पूरा भरोसा है। संघ ने कहा कि सेबी की मौजूदा अध्यक्ष के नेतृत्व में कई महत्‍वपूर्ण प्रयास किए गए हैं और सेबी के विनियमों ने म्‍यूचुअल फंड को सर्वाधिक पारदर्शी और प्रभावी वित्‍तीय उत्‍पाद बनाया है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
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