हिंद महासागर तेजी से गर्म हो रहा है। इससे चक्रवात और भारी वर्षा की घटनाएं ज्यादा तीव्र व बार-बार हो सकती हैं। इस वजह से तटीय समुदायों को खतरा हो सकता है। विज्ञान पत्रिका जर्नल साइंस डायरेक्ट में प्रकाशित अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है।
अध्ययन के मुताबिक, हिंद महासागर का तापमान अब तक की रफ्तार से कहीं ज्यादा बढ़ रहा है। साथ ही, मौसम चक्र और मौसम पैटर्न में बदलाव हो रहे हैं, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चरम मौसमी घटनाओं में वृद्धि हो सकती है। इससे वैश्विक जलवायु के प्रभावित होने की आशंका है। अध्ययन के अनुसार, समुद्र की सतह का तापमान 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहने का अनुमान है। इसके अलावा, अध्ययन में पाया गया है कि हिंद महासागर का गर्म होना सिर्फ सतह तक सीमित नहीं है, बल्कि समुद्र में गर्मी का भंडार तेजी से बढ़ रहा है।
इसका नतीजा समुद्र का जलस्तर बढ़ने के साथ-साथ समुद्री ऊष्म तरंगों का बनना भी है। इससे समुद्री जैव विविधता और मछलियों पर बुरा असर पड़ेगा। शताब्दी के अंत तक अत्यधिक द्विध्रुवीय घटनाओं में 66 फीसदी तक वृद्धि का अनुमान है।
बदलावों का असर पीढ़ी पर पड़ेगा विशेषज्ञ
अध्ययन के मुख्य लेखक रॉक्सी मैथ्यू कोल का कहना है कि इन बदलावों का असर हमारी पीढ़ी पर पड़ेगा। वैज्ञानिक थॉमस फ्रोलीचर कहते हैं कि वैश्विक कार्बन उत्सर्जन में कटौती करना जरूरी है ताकि हिंद महासागर के संकट को कम किया जा सके।
चीन में हाईवे ढह जाने से 24 लोगों की जान गई
चीन के ग्वांगदोंग प्रांत में मंगलवार देर रात भीषण बारिश की वजह से बड़ा हादसा हुआ। यहां ग्वांगदोंग प्रांत के मीझोउ में राजमार्ग का एक हिस्सा ढह जाने से 18 कारें जा गिरीं, जिससे 24 लोगों की मौत हो गई। 30 अन्य घायल हुए। यह घटना रात करीब दो बजे की है।
मूंगा चट्टानों पर प्रभाव
सबसे चिंताजनक बात समुद्र के अम्लीकरण में तेजी आना है। इससे मूंगे की चट्टानों और खोल वाले जीवों सहित समुद्री पारिस्थितिकी तंत्रों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। अध्ययन चेतावनी देता है कि समुद्र की सतह के पीएच में कमी आने से बड़े पैमाने पर आवास का विनाश व पारिस्थितिकी तंत्र का खत्म होना हो सकता है। बचाव को कार्बन उत्सर्जन में कटौती करनी होगी।
हांगकांग में 10 हजार बार बिजली गिरी
हांगकांग में मंगलवार देर रात से लेकर बुधवार तड़के तक रिकॉर्ड 10 हजार बार बिजली गिरना दर्ज किया गया। यहां बारिश का मौसम शुरू होने वाला है।