जलवायु परिवर्तन के कारण इस बार हीट वेब का पूरी दुनिया में व्यापक प्रभाव देखा गया है। क्लाईमेट सेंट्रल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार जून के नौ दिनों (16-24 जून) के भीतर भारत में लू से करीब 62 करोड़ लोग प्रभावित हुए, जबकि दुनिया में पांच अरब लोगों ने इसका सामना किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिस प्रकार की लू जून में देखी गई, वैसी सदी में दो बार होती थी। लेकिन अब हर तीन साल में देखने को मिल रही है। लू का सामना दुनिया की 60 आबादी यानी 4.97 अरब लोगों ने किया।
क्लाईमेट सेंट्रल की रिपोर्ट के अनुसार, भारत समेत कई देशों में तापमान 50 डिग्री पार कर गया। भारत में पहली बार रात्रि का तापमान रिकॉर्ड 37 डिग्री तक पहुंच गया। रिपोर्ट में 16-24 जून के दौरान चली लू को आधार बनाया गया है। हीट वेब बढ़ने के लिए मुख्य रूप से जीवाश्म ईधन को ही ज्यादा जिम्मेदार माना गया है।
चीन में 57 करोड़ लोग लू से प्रभावित हुए
भारत के अलावा चीन, मिस्र, सऊदी अरब समेत कई देशों में अधिकतम तापमान 50 डिग्री से ऊपर पहुंच गया। भारत में 61.9 करोड़, चीन में 57.9 करोड़, इंडोनेशिया में 23.1 करोड़, नाइजीरिया में 20.6 करोड़ तथा ब्राजील में 17.6 करोड़ लोगों ने लू का सामना किया। इसके अलावा ठंडे यूरोपियन देशों में भी 15.2 करोड़ लोग भीषण गर्मी और लू से प्रभावित हुए। बांग्लादेश में 17.1, मैक्सिको में 12.3, इथोपिया में 12.1 करोड़ लोग लू की चपेट में आए।