बहुचर्चित बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई की ओर से कोर्ट में सौंपी गयी डायरी से कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं। डायरी में दर्ज केस के मुख्य गवाह के अनुसार खींचतान के बाद तत्कालीन विधान पार्षद हुलास पांडेय की ओर से बरमेश्वर मुखिया को गोली मारी गयी थी। उनके द्वारा बरमेश्वर मुखिया को पिस्टल से छह गोलियां मारी गयी थीं। मुखिया के गिरने के बाद हुलास पांडेय स्कॉर्पियो से स्टेशन रोड होते भाग गये थे। अन्य लोग दौड़ते हुए स्टेशन की ओर भागे थे।
केस डायरी में कहा गया कि तब गुड्डू पांडेय के हाथ में एके 47 था। उसी दौरान बरमेश्वर मुखिया भी टहलते हुए पहुंच गये। तब मनोज पांडेय ने मुखिया से कहा कि हुलास पांडेय गाड़ी में बुला रहे हैं। उसके बाद मनोज पांडेय बरमेश्वर मुखिया को ले जाकर गाड़ी में बैठा दिया। कुछ देर के बाद गाड़ी बरमेश्वर मुखिया की गली के पास जाकर खड़ी हो गयी। तब हुलास पांडेय के साथ रहे लोग गाड़ी के पास खड़े हो गए।
तभी बरमेश्वर मुखिया और हुलास पांडेय गाड़ी से उतरे। उस दौरान दोनों के बीच किसी बात को लेकर खींचतान होने लगी। तब अभय पांडेय और फौजी ने बरमेश्वर मुखिया का हाथ पकड़ रखा था। मनोज पांडेय बगल में खड़े थे। उसके बाद हुलास पांडेय ने अपने हाथ में लिये पिस्टल से बरमेश्वर मुखिया को गोली मार दी।