उत्तर प्रदेश के महोबा में तैनात होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे को निलंबित कर दिया गया है. मनीष का नाम उस समय सुर्खियों में आया था, जब उन पर एक पीसीएस अधिकारी ज्योति मौर्य के पति ने गंभीर आरोप लगाए थे.
अमर उजाला की ख़बर के अनुसार, होमगार्ड मुख्यालय के आदेश पर डीआईजी होमगार्ड (प्रयागराज रेंज) ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी. इसके बाद डीजी होमगार्ड ने दुबे को निलंबित करने की सिफ़ारिश की थी.
डीजी होमगार्ड बीके मौर्य ने बताया कि ‘विभाग की छवि धूमिल करने, मनमानी करने, अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने’ के आरोप में मनीष दुबे को निलंबित किया गया है.
इस साल जून महीने में आलोक मौर्य का कुछ पत्रकारों से बातचीत का वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने रोते हुए पत्नी ज्योति मौर्य पर धोखा देने और अपने बच्चों से मिलने न देने का आरोप लगाया था. इसके बाद ज्योति का ‘मीडिया ट्रायल’ होने लगा था.
आलोक मौर्य ने कहा था कि वह उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ में पंचायती राज विभाग में क्लास-4 के कर्मचारी हैं और उनकी शादी ज्योति से साल 2010 में हुई थी.
आलोक कहना था कि शादी के बाद ज्योति मौर्य की पढ़ाई के लिए उन्होंने कर्ज़ भी लिया. साल 2015 में दंपति को जुड़वा बेटियां हुईं.
कुछ समय बाद ज्योति ने उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास की, लेकिन इसके बाद मामले में नया मोड़ आया और आलोक मौर्य ने ज्योति मौर्य पर आरोप लगाए.
ज्योति ने दावा किया कि आलोक ने कहा था कि वे ग्राम पंचायत में अधिकारी हैं, लेकिन शादी के बाद पता चला कि वे सफ़ाईकर्मी का काम करते थे.
अमर उजाला के अनुसार, ज्योति मौर्य के पति आलोक मौर्य ने मनीष दुबे पर कुछ निजी आरोप लगाए थे. हालांकि, बाद में आलोक ने शिकायत वापस ले थी. इसके बाद ज्योति मौर्य के ख़िलाफ़ चल रही जांच भी बंद कर दी गई थी.
हालांकि, होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के ख़िलाफ़ विभाग ने जांच जारी रखी थी.