1.8 करोड़ Students को मिलेगा लाभ, छात्रों को नहीं देनी होगी कोई फीस….

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन’ (ONOS) योजना को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक पहल देशभर के करीब 1.5 करोड़ छात्रों, फैकल्टी मेंबर्स और शोधकर्ताओं को लाभ पहुंचाएगी। इस योजना के तहत, अब छात्रों को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के शीर्ष अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं और जर्नल्स तक सीधा एक्सेस मिलेगा।

योजना को लागू करने के लिए केंद्र सरकार ने लगभग 6,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है। 1 जनवरी 2025 से लागू होने वाली इस योजना में 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय जर्नल पब्लिशर्स को शामिल किया गया है। सरकार इन पब्लिशर्स को सीधे भुगतान करेगी, जिससे छात्रों और शोधकर्ताओं को अलग से किसी तरह की फीस नहीं देनी होगी।

योजना के लाभ:
शोध तक आसान पहुंच:
छात्रों और शोधकर्ताओं को इंटरनेशनल रिसर्च का लाभ केवल एक क्लिक पर मिलेगा।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का समर्थन: यह कदम NEP 2020 के तहत रिसर्च और शिक्षा के क्षेत्र में सुधारों की सिफारिशों का हिस्सा है।

शोध और इनोवेशन को प्रोत्साहन: छात्रों को विश्वस्तरीय रिसर्च से जुड़ने का अवसर मिलेगा, जिससे भारत का रिसर्च इकोसिस्टम मजबूत होगा।

वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन: छात्रों और शिक्षकों के लिए नई सौगात

शिक्षा मंत्रालय ने वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन योजना को हरी झंडी देते हुए उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत करीब 1.8 करोड़ छात्र, शिक्षक, और वैज्ञानिक अंतरराष्ट्रीय स्तर के शोध लेख और जर्नल्स तक आसानी से पहुंच सकेंगे। योजना में 30 प्रमुख अंतरराष्ट्रीय जर्नल प्रकाशकों को शामिल किया गया है, जिनके लगभग 13,000 ई-जर्नल अब देशभर के 6,300 से अधिक सरकारी उच्च शिक्षा संस्थानों और केंद्र सरकार के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों में उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस योजना को लागू करने में लगभग 6,000 करोड़ रुपये का खर्च अनुमानित है। इसका उद्देश्य छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को विश्व स्तरीय ज्ञान उपलब्ध कराना और भारत के शैक्षणिक व शोध इकोसिस्टम को सशक्त बनाना है।

शिक्षा मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) समय-समय पर इस योजना की समीक्षा करेगा, ताकि इसका प्रभाव अधिक से अधिक संस्थानों और व्यक्तियों तक पहुंच सके। योजना के माध्यम से न केवल बड़े शहरी क्षेत्रों के बल्कि छोटे और दूरस्थ इलाकों के छात्रों और शोधकर्ताओं को भी लाभ मिलेगा।

दूसरी बड़ी योजना: PAN 2.0
केंद्र सरकार ने PAN 2.0 प्रोजेक्ट को भी मंजूरी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस प्रोजेक्ट के लिए 1,435 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, पैन कार्ड प्रणाली को पूरी तरह डिजिटल और पेपरलेस बनाने पर जोर दिया जाएगा।

PAN 2.0 की खास बातें:
-मौजूदा पैन कार्ड उपयोग में बने रहेंगे।
-सिस्टम को अपग्रेड कर शिकायत निवारण प्रक्रिया को तेज बनाया जाएगा।
-टैक्स से जुड़े सभी कार्यों को डिजिटल और आसान बनाया जाएगा।

एक नई शुरुआत
यह दोनों योजनाएं-वन नेशन, वन सब्सक्रिप्शन और PAN 2.0-भारत के शिक्षा और प्रशासनिक सुधारों की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी। शिक्षा और टेक्नोलॉजी के इस समावेशी विकास से देश के युवाओं और करदाताओं के लिए काम करना आसान और प्रभावी होगा।